बाहुबली के लोगों को क्‍यों भरना पड़े थे बांड

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270 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई भारत की अब तक की सबसे महंगी मूवी बाहुबली-2 रिलीज हो गई। पहले पार्ट के रिलीज होने के 22 महीने बाद अब लोगों को इसका जवाब भी मिल गया कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा…? इसमें राजमाता शिवगामी का रोल था। मूवी में इसका कारण डिटेल में बताया गया है। इस जवाब को सीक्रेट रखने के लिए मूवी से जुड़े 150 लोगों से बॉन्ड भरवाए गए थे। ये बातें बाहुबली के प्रोड्यूसर शोबु यरलागड्डा, डायरेक्टर एसएस राजामौली, कहानीकार विजयेंद्र प्रसाद और बाकी क्रू-मेंबर्स ने बताई।

तो बाहुबली को कभी नहीं मारता कटप्पा

बाहुबली की शुरुआती स्क्रिप्ट में कटप्पा द्वारा बाहुबली को मारे जाने का प्लान नहीं था। इस सीन की जगह कहानी कुछ और ही थी।

बजरंगी भाईजान और बाहुबली जैसी मूवी की कहानी लिख चुके कहानीकार विजयेंद्र ने बताया, ‘पहले हमने कटप्पा और बाहुबली के इस ड्रामैटिक सीन को कहानी में एड नहीं किया था। लेकिन जब मूवी क्रू ने फिल्म में ड्रामा एड करने को कहा तो उसके बाद ये सीन सबसे आखिरी में जोड़ा गया। अगर ड्रामे की डिमांड ना होती तो शायद ये सवाल वायरल ना हो पाता कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा…? आज ये मूवी की जान है।’

शूटिंग से पहले ली थी गोपनीयता की शपथ

मूवी के एक क्रू-मेबर ने नाम ना डिस्क्लोज करने की शर्त पर बताया, ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा… इस सीन को शूट करने को लेकर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ने बहुत सीक्रेसी रखी थी। शूटिंग के दौरान पहले कुछ इन्फॉर्मेशन लीक भी हुई थी। इसी के चलते करीब 150 क्रू-मेंबर्स से बॉन्ड भरवाकर गोपनीयता की शपथ दिलवाई गई थी।’

‘इसके लिए एक बॉन्ड खास तौर से तब भरवाया गया, जब कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा वाले सवाल का जवाब शूट किया जाना था। इतना ही नहीं, इस बॉन्ड में ये भी क्लियर था कि इस सीन से जुड़ी इन्फॉर्मेशन लीक करने पर फाइनेंशियल पेनल्टी और सजा दोनों हो सकती है। कई दिन तक तो सेट पर हमारे फोन ऑफ करवा लिए गए थे।’

‘चूंकि मूवी की पूरी जान इसी सवाल का जवाब है ऐसे में डायरेक्टर को डर था कि कहीं ये लीक हो गया तो तगड़ा नुकसान होगा।’

पैसे नहीं थे, कैंसल होने की नौबत आ गई थी

बाहुबली के प्रोड्यूसर शोबु यरलागड्डा ने बताया, ‘पार्ट-1 और 2 मिलाकर मूवी की कॉस्टिंग करीब 450 करोड़ रुपए है। हमारे लिए सबसे ज्यादा मुश्किल फंड अरेंज करना ही था। हमारे पास जो पैसे थे, वो खत्म हो गए थे। चूंकि मूवी पर पहले ही बहुत खर्च हो चुका था इसलिए मार्केट में भी हमें कोई आसानी से पैसा नहीं दे रहा था।’

‘ऐसे में एक समय ये भी लगने लगा था कि फंड की कमी के चलते अब मूवी कैंसल हो सकती है। लेकिन हमें ये भी पता था कि मूवी को बंद करने की च्‍वाइस हमारे पास नहीं है। बाद में रामोजी फिल्म सिटी और बाकी फाइनेंसर्स से पैसा मिला और मूवी कम्प्लीट हो सकी।’

बता दें कि शोबु हैदराबाद की कंपनी आर्क मीडिया के सीईओ भी हैं। बाहुबली के लिए फंड का अरेजमेंट शोबु और उनकी कंपनी ने ही करवाया था।

‘बाहुबली’ और ‘भगवान कृष्ण’ का कनेक्शन

बाहुबली के कहानीकार का कहना है, ‘ये पूरी तरह से फिक्शन मूवी है। कोई भी कैरेक्टर रिएल स्टोरी से मैच नहीं करता है। हां ये जरूर है कि मैंने बाहुबली को भगवान कृष्ण की महाभारत से इन्सपायर होकर लिखा है।’

‘बिज्जलदेव कैरेक्टर महाभारत के शकुनि मामा जैसा है। भल्लालदेव दुर्योधन जैसा है, जिसे लगता है कि उसके साथ गलत हुआ है और हर हाल में साम्राज्य पाना चाहता है। महेंद्र कुछ-कुछ कृष्ण और राम की तरह है। कटप्पा रामायण के हनुमान की तरह महिष्मति राज्य की सेवा करता है। कुल मिलाकर बाहुबली मूवी महाभारत और रामायण से इन्सपायर है। इस इन्सपिरेशन के चलते ही बाहुबली इतनी बड़ी हिट हो सकी है।’

500 से 2000 लोग बनाते थे मूवी सेट

डायरेक्टर राजामौली ने बताया, ‘मूवी की स्क्रिप्टिंग के दौरान हमारी सबसे बड़ी डिमांड युद्ध, मार-धाड़, लड़ाई, टेक्नोलॉजी का जबरदस्त यूज जैसी चीजें थीं। प्रभास के रूप में हमने मूवी का एक्टर पहले ही तय कर लिया था। बाद में उसकी पर्सनैलिटी और इन सारी रिक्वायरमेंट के आधार पर विजयेंद्र को स्क्रिप्टिंग के लिए कहा गया था।’

‘इतनी हैवी स्क्रिप्ट के चलते हमें हैवी सेट की जरूरत पड़ी। करीब रोज 500 से 2 हजार लोग सेट बनाने और उसे इन्स्टॉल करने का काम करते थे। 3-4 क्रेन सेट को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए खड़ी रहती थी।’

‘इतना ही नहीं, हमनें सांड से लेकर मूवी में दिखने वाले बाकी जानवर भी मशीनी बनाए थे। मास्क बनाने में भी टीम को बहुत मेहनत करनी पड़ी।’

100 दिन में शूट हुआ था सबसे मुश्किल सीन

प्रोड्यूसर यरलागड्डा ने बताया, ‘बाहुबली-2 का सबसे मुश्किल सीन आखिरी लड़ाई को शूट करना था। 2 मिनट के सीन की शूटिंग में हमें करीब 100 दिन लग गए थे।’

‘सबसे मुश्किल होने के साथ ही इस सीन को शूट करने में हमारा सबसे ज्यादा पैसा खर्च हुआ। क्लाइमेक्स में युद्ध की शूटिंग मूवी का सबसे महंगा सीन भी है।’

‘VFX और टेक्नोलॉजी की बात करें तो पार्ट-1 और पार्ट-2 मिलाकर करीब 90 करोड़ रुपए अकेले इस पर खर्च हुआ है। वहीं, करीब 68 करोड़ रुपए सेट बनाने और आर्ट वर्क में लगा है।’

12 महीने में तैयार हुआ स्पेशल कैमरा

मूवी की टेक्निकल टीम के एक मेंबर ने बताया, ‘चूंकि हमारा टारगेट फिक्शन स्टोरी पर बनी मूवी को रियल लाइफ में फील कराना था। इसलिए शूटिंग के लिए पहले स्पेशल VR सुपर कम्प्यूटर कैमरा बनाया फिर उससे पूरी मूवी शूट हुई।’

‘इस स्पेशल कैमरे और टेक्नोलॉजी को तैयार करने में 12 महीने का टाइम लगा। कैमरे में लॉम्बरयॉर्ड गेम इंजन का भी यूज किया गया। जिससे मूवी के हर सीन में दर्शकों को 360 डिग्री का रियलिस्टिक एक्सपीरियंस मिलेगा।’

(वाट्सएप पर प्राप्‍त सामग्री पर आधारित)

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