इंदौर, अक्‍टूबर 2012/ लोक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करने का अच्छा माहौल है। मध्यप्रदेश देश के उन राज्यों में है जहाँ स्वास्थ्य को उद्योग का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं को देशभर में सराहा गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मिश्रा आज इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज 15 प्राइवेट कम्पनियों के साथ 5 हजार करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू किये गये। इन एमओयू के बाद प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में 5,700 बिस्तरों की वृद्धि होगी और 50 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। इस मौके पर वित्त मंत्री श्री राघवजी भी मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में आने वाले चिकित्सा संस्थानों को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि बाल हृदय उपचार योजना में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिये राज्य सरकार की ओर से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी तरह दीनदयाल उपचार योजना में बीपीएल परिवार के व्यक्तियों को बीमारी के इलाज के लिये 30 हजार रुपये तक की राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में ‘108 एम्बुलेंस’ का विस्तार प्रदेश के प्रत्येक जिले में शीघ्र किया जायेगा। उन्होंने निवेशकों से कहा कि वे प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिये निवेश करें, जिससे प्रदेशवासियों को इलाज के लिये मुम्बई, चेन्नई न जाना पड़े।

वित्त मंत्री राघवजी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष बजट में पीपीपी मोड पर पाँच मेडिकल कॉलेज खोले जाने की इच्छा जताई थी। इसके लिये प्रदेश में निवेशकों को स्वास्थ्य के क्षेत्र की सभी अधोसंरचना सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जायेंगी। उन्होंने बताया कि विदिशा शहर में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये पर्याप्त जमीन अधिग्रहीत की हुई है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने बताया कि निवेश के लिये मध्यप्रदेश में बगैर व्यवधान के 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। निवेशकों को ऋण पर ब्याज, ट्रेनिंग एवं केपिटल सब्सिडी दी जा रही हैं। निवेश के लिये सिंगल विण्डो सिस्टम लागू किया गया है। 53 हजार गाँव में आरोग्य केन्द्र प्रारम्भ किये गये हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों को उदारता के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करने वालों को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा अजय तिर्की ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 6 सरकारी और 6 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और 15 डेन्टल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इसी प्रकार 535 नर्सिंग और 231 पैरा मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। राज्य में मेडिकल कॉलेज खोलने वाले निवेशकों को इंडियन मेडिकल एवं डेन्टल काउंसिल से अनुमति दिलाने में राज्य सरकार की ओर से मदद दी जायेगी। इसके लिये विभाग ने नोडल ऑफिसर भी नियुक्त किये हैं। निवेशकों की ओर से जसलोक अस्पताल के सीईओ श्री आर.आर. पुलगाँवकर डायग्नोस क्यूबेक के वाइस प्रेसीडेन्ट श्री पीटर नोवास्की एवं अयूरवेट के लिमिटेड के श्री अनूप कालरा ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये निवेश एवं सेवाओं की जानकारी दी।

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