ग्वालियर, जुलाई 2012 । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास किये जायेंगें। उन्होंने कहा कि संगीत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिये सभी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति की जायेगी। उन्होंने संगीत के विद्यार्थियों से देश में नाम रोशन करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ग्वालियर में राजामान सिंह संगीत विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगीत के बिना दुनिया अधूरी है। हमारे देश का संगीत अद्भुत है। खेल, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रहेगी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा, संस्कृति और जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि ग्वालियर संगीत की राजधानी रही है। यह ध्रुपद के जनक राजामान सिंह तोमर, संगीत सम्राट तानसेन और महान संगीतज्ञ बैजूबावरा की साधना स्थली रही है। इसलिये यहां प्रदेश का पहला संगीत विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। देश की विभिन्न संस्थाओं के दस हजार से ज्यादा विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से जुड़े हैं तथा तमाम संस्थायें इससे जुड़ने के लिये लालायित हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के लिये शासन द्वारा ढाई करोड़ रूपये उपलब्ध कराये गये हैं। साथ ही अन्य आवश्यक धनराशि भी उपलब्ध करायी जायेगी। शासन से स्वीकृत पदों की पूर्ति भी की जा रही है।
उच्च शिक्षा ने कहा कि आने वाले समय में ग्वालियर में तीन समारोह आयोजित किये जायेंगें। इनमें ध्रुपद समारोह, सूफियाना समारोह और नाट्य समारोह शामिल हैं। कुलपति चितरंजन ज्योतिषी ने स्वागत भाषण दिया और कुलसचिव डी एस चंदेल ने आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर राज्यसभा सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा, सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र, गृह, परिवहन एवं जेल राज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, राज्यसभा सदस्य कप्तान सिंह सोलंकी, राजा मानसिंह संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति चितरंजन ज्योतिषी, महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता मौजूद थी।