यादव जी ने यादव जी से अध्यक्ष पद छीनकर यादव जी को दे दिया.. यादव जी के इस फैसले से यादव जी नाराज़ हो गए.. नाराज़ यादव जी ने यादव जी से उनके विभाग छीन लिए.. और यादव जी के कुछ विभाग यादव जी ने अपने पास रख लिए.. फिर यादव जी से मुलाक़ात करने यादव जी दिल्ली आ गए.. यादव जी ने मुलाक़ात के लिए यादव जी को भी बुलाया.. लेकिन यादव जी से मिलने की बजाय यादव जी लखनऊ में ही रह गए.. इधर यादव जी और यादव जी की मुलाक़ात करीब ढाई घंटे तक चली.. यादव जी से मुलाक़ात के बाद यादव जी ने कहा.. जो यादव जी कहेंगे यादव जी वही करेंगे.. कुछ समझ में आया.. आ गया तो बताओ..*
“यादव के 2 आगे यादव, यादव के 2 पीछे यादव”
बोलो कितने यादव ??????
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