चंडीगढ़, मई 2016/ जाट आरक्षण के मामले में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को जबरदस्‍त झटका लगा है। हिंसक आंदोलन करने वाले जाटों को सरकार ने जो आरक्षण दिया था उस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सरकार ने जाट एवं चार अन्‍य समुदायों को यह आरक्षण हाल ही में बनाई गई पिछड़ा वर्ग (सी) श्रेणी के तहत दिया था। इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

गौरतलब है कि आरक्षण को लेकर जाटों के आंदोलन के बाद हरियाणा कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में जाट आरक्षण प्रदान करने के लिए मार्च में एक विधेयक को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में पिछड़ा वर्ग श्रेणी में नया वर्गीकरण कर जाटों के अलावा चार अन्य जातियों जाट सिख, रोर, बिश्नोई और त्यागियों को आरक्षण देने की बात कही गई थी।

सरकार की मंशा इन समुदायों के लिए शिक्षण संस्थानों तथा तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने की थी। विधानसभा में पारित बिल के मुताबिक आरक्षण में शामिल किए गए नए नियमों को मंजूरी देते हुए सरकार ने इसे अधिसूचित किया था।

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