बुधवार को क्षिप्रा के घाटों पर होगा श्रद्धा और भक्ति का संगम

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सिंहस्‍थ महापर्व का पाँचवां पर्व स्‍नान शंकराचार्य जयंती वैशाख शुक्‍ल पॉंच बुधवार को होगा। मोक्षदायिनी पुण्‍य-सलिला क्षिप्रा के तटों पर विशेषकर राम घाट, दत्‍त अखाड़ा एवं त्रिवेणी घाट पर श्रद्धा, भक्ति एवं परम्‍परा का संगम देखने को मिलेगा। स्‍नान पर्व में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं का महाकाल की नगरी उज्‍जयि‍नी पहुँचना शुरू हो गया है।

सिंहस्‍थ महापर्व में चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा से वैशाख शुक्‍ल पूर्णिमा के मध्‍य 10 स्‍नान तिथियाँ नियत की गई थी। इसमें तीन शाही स्‍नान एवं सात विशेष पर्व स्‍नान शामिल है। सिंहस्‍थ महाकुम्‍भ में अभी तक दो ‘शाही स्‍नान’ एवं दो ‘विशेष पर्व स्‍नान’ सफलता से हो चुके हैं।

शंकराचार्य जयंती 11 मई बुधवार, वृषभ संक्रान्ति पर्व 15 मई, रविवार, मोहिनी एकादशी पर्व वैशाख शुक्‍ल ग्‍यारह मंगलवार, 17 मई, प्रदोष पर्व शुक्‍ल तेरह गुरूवार 19 मई, नृसिंह जयंती पर्व वैशाख शुक्‍ल चौदह शुक्रवार, 20 मई को विशेष पर्व स्‍नान तथा वैशाख शुक्‍ल पन्‍द्रह शनिवार 21 मई को शाही स्‍नान होगा।

उल्‍लेखनीय है कि सिंहस्‍थ महान धार्मिक पर्व है। बारह वर्ष के अंतर से यह पर्व तब मनाया जाता है जब बृहस्‍पति सिंह राशि पर स्थित रहता है। पवित्र क्षिप्रा नदी में पुण्‍य-स्‍नान की तिथियाँ चैत्र मास की पूर्णिमा से शुरू होती है और पूरे मास में वैशाख पूर्णिमा के अंतिम स्‍नान पर विभिन्‍न तिथि में सम्‍पन्‍न होती है। इस महापर्व के लिए पारम्‍परिक रूप से 10 योग महत्‍वपूर्ण माने गये हैं।

 

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