रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शिक्षा ऋण को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बच्‍चों को शिक्षा ऋण के जाल में फंसने से बचना चाहिए। दरअसल शिक्षा ऋण की व्‍यवस्‍था पर पुनर्विचार की तत्‍काल आवश्‍यकता है। पढ़ाई के लिए गरीब बच्‍चों द्वारा लिया जाने वाला कर्ज आखिरकर उनके गले का फंदा बन जाता है। पढ़ाई लिखाई करने के बाद भी ठीक ठाक नौकरी न मिलने से उनका आधा जीवन पढ़ाई का कर्ज चुकाने में ही बीत जाता है। ऐसे में क्‍या शिक्षा ऋण की व्‍यवस्‍था पर पुनर्विचार नहीं होना चाहिए। खासतौर से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्‍चों के लिए।

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