भोपाल, मई 2016/ वाहनों की तेज गति के कारण आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए मध्यप्रदेश में सभी प्रकार की यात्री और स्कूल बसों तथा व्यवसायिक वाहनों में सुरक्षा और नियंत्रण की दृष्टि से स्पीड गर्वनर लगाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि ये सुरक्षित गति से आवागमन कर संचालित रहें।
अब वाहन के लिये क्षेत्र संचलन अनुज्ञप्ति या फिटनेस तभी मिलेगा जब उसमें ए.आर.ए. आई. से मान्यता प्राप्त गतिनियंत्रक अर्थात स्पीड गर्वनर फिट हो। यात्री, स्कूल या व्यवसायिक वाहनों के सुरक्षित संचालन के लिये गति ही महत्वपूर्ण मुद्दा होता है। स्पीड गर्वनर के लग जाने से वाहन निर्धारित सीमा से अधिक तेज नहीं चल पायेगा। स्पीड गर्वनर लग जाने से स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घण्टा रहेगी। फायर ब्रिगेड वाहन, एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों को शासन के इस निर्देश से मुक्त रखा गया है। निर्धारित भार और यात्री बैठक क्षमता के व्यवसायिक वाहन और यात्री बसों की भी अधिकतम गति सीमा निर्धारित कर दी गयी है।