हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें!
विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें
नई दिल्ली, मई 2016/ भारतीय बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भागे विजय माल्या ने सोमवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। माल्या ने राज्यसभा के चेयरमैन को इस्तीफा भेजा और सदन की एथिक्स कमेटी को भी इस्तीफे की जानकारी दी। सांसद विजय माल्या की राज्यसभा की सदस्यता का मामला सदन की एथिक्स कमेटी के पास पहले ही पहुंच चुका था और कमेटी माल्या की सदस्यता रद्द करने पर विचार कर रही थी। 25 अप्रैल को एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह ने कहा था कि माल्या ने लगातार वारंट को नजरअंदाज करके गुनाह किया है, लेकिन फिर भी हम निष्पक्ष न्याय की प्रक्रिया के तहत उन्हें सात दिनों का समय दे रहे हैं। अगर वह समय रहते पेश नहीं होते तो सदन जरूरी कदम उठाएगा।
माल्यां के इस्तीफे के बाद अब सरकार के पास उनको देने के लिए कोई धमकी नहीं बची है। समझा जा रहा था कि राज्यसभा सदस्यता खत्म हो जाने का डर दिखाकर माल्या पर भारत वापस आने का दबाव बनाया जा सकेगा लेकिन माल्या ने एक ही झटके में सरकार की उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। माल्या मामले में अब तक शिकंजा कसने के सरकार और कानूनी एजेंसियों के सारे प्रयास विफल रहे हैं।
माल्या के खिलाफ है गैर जमानती वारंट
माल्या को अलग-अलग अदालतों से समन मिल चुके हैं। दो अदालतों ने उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किए है। सरकार ने माल्या का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। माल्या 2 मार्च को ही दिल्ली से लंदन जा चुके थे। उनके मामले की जांच ईडी कर रही है। बैंकों की अर्जी पर कर्ज वसूली ट्रिब्यूनल सुनवाई कर रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने माल्या से अपनी संपत्ति की पूरी जानकारी सौंपने को कहा है ताकि बैंक वसूली का केस आगे बढ़ा सकें। इसके पहले माल्या खुद भी दो बार बैंकों को सेटलमेंट का प्रस्ताव रख चुके हैं। माल्या पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से मिले कर्ज से निजी संपत्ति खरीद डालीं। वे बकायादार घोषित किए जा चुके हैं। किंगफिशर एयरलाइंस अक्टूबर 2012 में बंद हो चुकी है।
विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें