नई दिल्ली। भारतीय जनसंघ के संस्‍थापक रहे प्रो.बलराज मधोक का सोमवार को निधन हो गया। मधोक जनसंघ के अध्‍यक्ष भी रहे थे। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ की राजनीतिक इकाई के रूप में पहली बार जिस संगठन को बनाया गया वह जनसंघ ही था। इस मायने में प्रो. मधोक भाजपा के भी मातृसंगठन के संस्‍थापक थे। माना जाता है कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्‍ण आडवाणी जैसे नेताओं से पटरी नहीं बैठ पाने के कारण मधोक मुख्‍यधारा से दरकिनार कर दिए गए थे। यहां तक कि 1973 में जब लालकृष्ण आडवाणी जनसंघ के अध्‍यक्ष थे तब उन्हें तीन साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था।

96 वर्षीय मधोक को बेबाक और विचारधारा के लिए समर्पित नेता माना जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने नई दिल्‍ली में उनके राजेंद्र नगर स्थित घर पहुंचे।

1966-67 में मधोक जनसंघ के अध्‍यक्ष रहे और पार्टी ने उनके ही नेतृत्‍व में 1967 का लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में जनसंघ को सबसे बड़ी कामयाबी मिली और पार्टी ने 35 सीटें जीतीं। मधोक को आपातकाल के दौरान 18 महीने जेल में भी रहना पड़ा। वे जनता पार्टी में भी शामिल हुए लेकिन बाद में इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अखिल भारतीय जनसंघ के नाम से जनसंघ को दोबारा खड़ा करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।

प्रधानमंत्री ने श्री मधोक के निधन पर कहा कि, जनसंघ के दिग्गज नेता श्री बलराज मधोक के दुखद निधन पर मैं शोक जताता हूं। उकनी वैचारिक और समर्पण अटूट था। उन्‍होंने नि:स्वार्थ भाव से देश और समाज की सेवा की। लालकृष्ण आडवाणी ने अपने शोक संदेश में कहा, बलराज मधोक के निधन पर मैं काफी दुखी हूं। मैं उनकी दोनों बेटियों से संवेदना जताता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।

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