भोपाल, अप्रैल 2016/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वीरों के तीर्थ के दर्शन को जाने वाले युवाओं को यात्रा अनुदान मिलेगा। आगामी 5 वर्ष में 15 हजार करोड़ रुपये भोपाल शहर के विकास पर व्यय होंगे। इसका रोड मेप तैयार हो गया है। अधोसंरचना मद के द्वितीय चरण में 100 करोड़ भोपाल शहर को दिए जाएंगे। श्री चौहान यहाँ सावरकर सेतु लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी एवं विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मातृभूमि के भक्तों की कुर्बानियों से मिली है। उन्होंने स्वातंत्र्य वीर सावरकर के संघर्ष और त्याग का स्मरण करते हुए कहा कि शहीदों की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाया जाना चाहिये। इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। ‘माँ तुझे प्रणाम योजना’ में युवाओं को देश की सीमाओं की यात्रा कराई जाती है। वीरों के तीर्थ सेल्यूलर जेल के दर्शन के लिये जाने वाले युवाओं को राज्य सरकार यात्रा व्यय अनुदान देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के विकास में कोई कसर बाकी नहीं रहेगी। आगामी 5 वर्ष में भोपाल देश के सर्वश्रेष्ठ शहरों में शामिल हो जायेगा। भोपाल के हेरिटेज स्वरूप को उभारने का प्रयास हो रहा है। रानी कमलापति महल का जीर्णोद्धार किया जायेगा। उन्होंने रानी की प्रतिमा बड़े तालाब पर स्थापित किये जाने के लिये स्थान चयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भोपाल स्मार्ट बनेगा जिसमें वर्तमान से अधिक हरियाली होगी। नगर का अदभुत स्वरूप निखरेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण से जुड़े तकनीकी अमले को पुरस्कृत किया। शंख-ध्वनि के साथ सावरकर सेतु को लोकार्पित किया। मुख्यमंत्री का नगर निगम पदाधिकारियों ने शाल-श्रीफल से अभिनंदन किया।

गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा कि भोपाल नगर के विकास की बड़ी आवश्यकता इस पुल के बनने से पूर्ण हुई है। इससे नगर का यातायात सुगम हो जायेगा। उन्होंने पुल निर्माण के लिये जन-प्रतिनिधियों के प्रयासों का भी उल्लेख किया।

सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पुल का नामकरण स्वातंत्र्य वीर सावरकर के नाम किये जाने को सराहनीय पहल बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि नगर निगम भविष्य में बनने वाली संरचनाओं का भी नामकरण स्वतंत्रता संघर्ष के भूले-बिसरे वीरों के नाम पर रखें। उन्होंने वीर सावरकर के स्वतंत्रता आंदोलन संघर्ष का स्मरण किया। बताया कि वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक मात्र ऐसे वीर थे जिन्हें अंग्रेजी शासकों ने दो बार आजीवन कारावास की सजा दी थी।

महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि पुल बनने से नगर की 23 लाख की जनसंख्या लाभान्वित होगी। युग दृष्टा स्वातंत्र्य वीर सावरकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिये रेलवे ओवर ब्रिज का नाम सावरकर सेतु रखा गया है। उन्होंने बताया कि पुल की चौड़ाई 24 मीटर, लंबाई डेढ़ किलोमीटर से अधिक है। आभार प्रदर्शन नगर निगम अध्यक्ष डॉ. सुरजीत सिंह चौहान ने किया। प्रारंभ में वंदे-मातरम एवं मध्यप्रदेश गान की प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर सांसद आलोक संजर, विधायक सर्वश्री सुरेंद्रनाथ सिंह, श्री रामेश्वर शर्मा, विश्वास सारंग और श्री विष्णु खत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष ओम यादव, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक, पूर्व महापौर भोपाल कृष्णा गौर, निगम में प्रतिपक्ष के नेता मोहम्मद सगीर, पार्षद, मेयर इन काउन्सिल के सदस्य, अन्य प्रशासनिक एवं रेलवे के अधिकारी उपस्थित थे।

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