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सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष श्री माखन सिंह ने इस बात पर जोर दिया है कि सिंहस्थ के दौरान बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा
पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में पहली बार आधुनिक तकनीक, विशेष रूप से आई.टी. का उपयोग किया जा रहा
है। इसके लिये उन्होंने आपस में बेहतर समन्वय की आवश्यकता भी बतायी। श्री माखन सिंह बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा संबंधी
कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

कार्यशाला में महिला सशक्तिकरण और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हुए। कार्यशाला में चाइल्ड लाइन 1098 की व्यवस्था की
जानकारी दी गयी। विभाग की ओर से बताया गया कि मेला क्षेत्र में 6 खोया-पाया केन्द्र संचालित होंगे, जो इंटरनेट से जुड़े होंगे।
कार्यशाला में एकीकृत चाइल्ड प्रोटेक्शन योजना, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और किशोर न्याय बोर्ड की स्थापना की
भी जानकारी दी गयी।

श्रद्धालुओं को हरियाली के प्रति प्रेरित करना ग्रीन सिंहस्थ का उद्देश्य

उज्जैन में अप्रैल-मई में होने वाले सिंहस्थ को ग्रीन सिंहस्थ बनाने के लिये शहर की सड़कों और घाटों पर पौध-रोपण किया गया है। यह
पौधे सिंहस्थ के दौरान सुरक्षित रूप से बढ़ सकें, इसके लिये श्रद्धालुओं को हरियाली के प्रति लगातार प्रेरित किया जायेगा। इस कार्य में
अधिक से अधिक जन-भागीदारी रहेगी। शहर के 3 पुराने उद्यान समेत 10 मुख्य सड़क पर एक लाख से अधिक पौधे रोपित किये गये हैं।
पुराने उद्यानों और रोड डिवाइडर में हरी घास लगायी गयी है। सड़कों के डिवाइडरों पर 40 से 50 किलोमीटर की दूरी तक पौध-रोपण का
कार्य हुआ है। त्रिवेणी घाट से लेकर वाल्मीकी घाट तक वन विभाग द्वारा 10 हजार पौधे लगाये गये हैं। मुख्य रूप से पीपल, बरगद, नीम,
करंज, बाँस, बोगनवेलिया रोपित किये गये हैं।

पंचक्रोशी मार्ग का 63 करोड़ से उन्नयन

सिंहस्थ के दौरान पंचक्रोशी यात्रा में श्रद्धालु शामिल होते हैं। पंचक्रोशी मार्ग के लिये राज्य सरकार द्वारा 63 करोड़ 60 लाख रुपये मंजूर
किये गये थे। इसमें 62 किलोमीटर लम्बे मार्ग के लिये 38 करोड़ 24 लाख रुपये और 28.95 किलोमीटर मार्ग के लिये 35 करोड़ 36
लाख की राशि मंजूर हुई थी। पंचक्रोशी मार्ग के उन्नयन का कार्य पूरा किया जा चुका है।

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