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जनसंपर्क एवं ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में वरिष्ठ पत्रकारों को दी जा रही श्रद्धा-निधि नियम में संशोधन किया जा रहा है। अब श्रद्धा-निधि का फायदा पत्रकार की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को दिया जायेगा। श्री शुक्ल आज विधानसभा में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सदस्य विधायक सर्वश्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी, सुंदरलाल तिवारी, रमेश मेंदोला और कल्याण सिंह ठाकुर भी मौजूद थे।

जनसंपर्क मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष से प्रदेश में पत्रकारों को दिये जाने वाले सम्मान की श्रेणी में राज्य-स्तरीय टेलीविजन पत्रकारिता एवं केमरामेन सम्मान को भी शामिल किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में श्रेष्ठ पत्रकारिता को सम्मानित करने के लिये 3-3 राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय सम्मान और 7 आंचलिक सम्मान दिये जा रहे थे। उन्होंने कहा कि आंचलिक पत्रकारों के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किये जायेंगे। श्री शुक्ल ने बताया कि तहसील-स्तर तक पत्रकारों की कार्यशालाएँ आयोजित की जा चुकी हैं। इनमें सांसद और स्थानीय प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इसी तरह की कार्यशालाएँ वर्ष 2016-17 में भी की जायेगी।

प्रमुख सचिव, जनसंपर्क श्री एस.के. मिश्रा ने पूर्व में आयोजित विभागीय परामर्शदात्री समिति बैठक का पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जनसंपर्क विभाग ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये अभियान चलाया। साथ में प्रभावपूर्ण सामग्री का प्रकाशन भी किया। वरिष्ठ पत्रकारों को दी जाने वाली श्रद्धा-निधि की राशि रुपये 5000 में वृद्धि का प्रस्ताव विचाराधीन है।

परामर्शदात्री समिति के सदस्यों ने आंचलिक पत्रकारों के आर्थिक हितों को संरक्षित करने के लिये विभाग से आवश्यक कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया। आयुक्त, जनसंपर्क श्री अनुपम राजन ने समिति सदस्यों का आभार व्यक्त किया। बैठक में संचालक जनसंपर्क श्री अनिल माथुर एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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