उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने मंगलवार को उज्जैन में सिंहस्थ की तैयारियों में जुटे आला अधिकारियों की बैठक में
सिंहस्थ-2016 के दौरान महाकाल दर्शनों के लिये ऐतिहासिक फैसला लिया। उन्होंने जिला प्रशासन को स्पष्ट रूप से कहा कि महाकाल
दर्शनों के लिये उन्हीं व्यक्तियों को वीआईपी दर्शन करवायें, जिन्हें संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा किसी को भी वीआईपी मानकर
दर्शन नहीं करवाये जायें। दर्शन व्यवस्था में आम नागरिकों के दर्शनों की भी समुचित व्यवस्था की जाये। महाकाल मन्दिर परिसर की
सुरक्षा में अब स्थानीय पुलिस बल को नहीं रखा जायेगा। सिंहस्थ तक केवल उज्जैन से बाहर की पुलिस को ही महाकाल मन्दिर परिसर
की सुरक्षा सौंपी जायेगी। बैठक में सिंहस्थ केन्द्रीय समिति अध्यक्ष श्री माखन सिंह और अधिकारी मौजूद थे।
सन्तों का सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मंत्री श्री सिंह ने साधु-सन्तों से चर्चा के दौरान कहा कि सन्तों का सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी आधार पर उन्हें
नीतिगत रूप से भूमि आवंटन और अखाड़ों के निर्माण में पूरा सहयोग किया जा रहा है। शासन सिंहस्थ के दौरान पूरी व्यवस्था सन्त
समाज की भावनाओं एवं सम्मान को ध्यान में रखकर ही करेगा।
जूता-चप्पल स्टेण्ड की व्यवस्था बदलेगी
बैठक में प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय समिति के सदस्यों को आश्वस्त किया कि महाकाल मन्दिर परिसर में शिवरात्रि के दौरान
बनाई गई नई व्यवस्था में बदलाव करना होगा। प्रशासन ऐसा प्रयास करे कि श्रद्धालुओं को उसी स्थान पर जूता-चप्पल एवं अन्य सामग्री
प्राप्त हो, जहाँ उन्होंने छोड़ी थी।