भोपाल, फरवरी 2016/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि अपराधियों को पकड़वाने में पुलिस का सहयोग करने वाले साहसी नागरिकों का स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि जिला एवं प्रदेश स्तर पर सम्मानित करने की योजना बना दी जाये। श्री चौहान गृह विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री बी.पी. सिंह एवं पुलिस महानिदेशक श्री सुरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने डायल 100 सेवा को महिलाओं और पर्यटकों की समस्याओं के प्रति और अधिक संवेदनशील किये जाने की जरूरत बताई। बताया गया कि महिला हेल्प लाइन 1090 को डायल 100 से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के प्रमुख 12 पर्यटन-स्थल को डायल 100 का नोडल प्वाइंट बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि आपराधिक गतिविधियों का रैकेट नहीं बनने देने के लिये प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। विशेष प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को शुरू में ही दृढ़ता से कुचला जाये। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को अन्य शासकीय भवनों के निर्माण में शामिल किया जाए। पुलिस एवं होमगार्ड के पास जो भूमि है उसका पूल बनाकर उसके बेहतर उपयोग की परियोजना तैयार की जाए।
श्री चौहान ने होमगार्ड बल के उपयोग और उनके कल्याण कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने होम गार्डस की सेवाओं और कल्याण कार्यों की नई नीति बनाने को कहा। बाढ़ राहत में काम करने वाले बल को 15 दिवस का अतिरिक्त वेतन दिये जाने के निर्देश दिये।
हत्या, गंभीर घायल और स्थाई नि:शक्तता से पीड़ितजन को तत्काल मदद उपलब्ध करवाने की व्यवस्था के निर्देश दिये। पुलिस और यातायात में चरणबद्ध निरंतर नई भर्ती किये जाने और उसके बजट में युक्तसंगत प्रावधान किये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि डायल – 100 में 800 गाड़ियाँ संचालित हैं। नये वित्त वर्ष में 200 अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था हो जायेगी। क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम में प्रदेश के 1019 थाने और 428 वरिष्ठ कार्यालय समाहित हो गये हैं। यह देश में आपराधिक रिकार्ड साझा करने की पहली परियोजना है। सिंहस्थ तैयारियों पर बताया गया कि मेला क्षेत्र में 900 पुलिस प्वाइंट्स चिन्हित किये गये हैं। इन सभी पर अन्य पुलिस बल के साथ वर्तमान स्थानीय पुलिस बल का एक-एक सदस्य अनिवार्यत: तैनात रहेगा। बल को नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश में भारतीय दंड संहिता का सजायाबी प्रतिशत 59 रहा है, जो देश में बहुत अच्छा है।