भोपाल, जनवरी 2016/ वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने रायसेन में नयी मिट्टी स्वास्थ्य-कार्ड योजना में मिट्टी परीक्षण प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया। वन मंत्री ने कृषि विकास अधिकारियों से कहा कि केवल मिट्टी परीक्षण ही पर्याप्त नहीं है। परीक्षण के बाद उस भूमि के वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी भी किसानों को दें। परीक्षण के आधार पर किसानों को सलाह दें कि कम से कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन कैसे प्राप्त करें।
डॉ. शेजवार ने कहा कि ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी किसान और सरकार के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। वे स्थानीय क्षेत्र, कृषि और नवीनतम तकनीक का सम्पूर्ण ज्ञान रखें और किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान कर विश्वास अर्जित करें। बोनी से लेकर फसल कटाई तक अपने क्षेत्र के किसानों के साथ सतत सम्पर्क में रहें। पंचायत या स्कूल भवन में किसानों को एकत्र कर कृषि क्षेत्र में हो रहे बदलाव और नवीनतम तकनीकी की जानकारी व्यवहारिक ढंग से दें।
वन मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विस्तार से उत्पादन बढ़ता है और प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था गतिशील होती है। किसानों की क्रय शक्ति बढ़ती है। डॉ. शेजवार ने कहा कि भू-जल-स्तर की गिरावट वाले क्षेत्रों में कम पानी में अधिक उत्पादन वाली फसलें लें।
वन मंत्री ने कार्यशाला में साँची तथा गैरतगंज विकासखण्ड में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एक-एक ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी को मंत्री स्वेच्छानुदान-निधि से 11-11 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।