भोपाल, जनवरी 2016/ मध्यप्रदेश में सरकार बनने के बाद करीब दो साल से लालबत्ती की आस लगाए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की लालबत्ती की इच्छा पर फिर बत्ती लग गई है। ऐसा माना जा रहा था कि नए साल के पहले माह में ही मुख्यमंत्री इस मामले को हरी झंडी दे देंगे लेकिन शिवराजसिंह ने मामला फिर लटका दिया है। पिछले साल सितंबर माह में भी बहुत हल्ला मचा था कि लालबत्ती बस बंटने ही वाली है लेकिन सरकार और संगठन ने यह कहते हुए मामले को टाल दिया कि झाबुआ उपचुनाव हो जाने के बाद इस पर फैसला किया जाएगा। झाबुआ चुनाव के बाद नगरीय निकायों के चुनाव को बहाना बनाया गया। लेकिन वे भी खत्म हो गए और लालबत्ती की आस फिर भी पूरी नहीं हुई। अब माना जा रहा है कि संगठन और सरकार ने मैहर विधानसभा उपचुनाव को आड़ बना लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री कुछ दिन की यात्रा के लिए सिंगापुर जा रहे हैं। उनके लौटने तक मैहर उपचुनाव की तारीखें और नजदीक आ चुकी होंगी जाहिर है ऐसे में लालबत्ती और टलेगी। उसके बाद अगले माह यानी फरवरी में विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना है। वह और बड़ा बहाना होगा नेताओं को टरकाने का। यानी लालबत्ती और गाड़ी की आस पाले नेताओं को अभी झुनझुना बजाते रहना होगा।