भोपाल, जनवरी 2016/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब प्रदेश में सरकारी कामकाज वल्लभ भवन में बैठकर नहीं, गाँव की चौपाल से चलेगा। वे सप्ताह में 3 दिन गाँवों में घूमकर आम जनता से सीधे संवाद करेंगे, जिससे उनकी समस्याओं को भली-भाँति जाना जा सके। मुख्यमंत्री सतना जिले के ग्राम गोरइया में जन-संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास एक सतत प्रक्रिया है। उनका प्रयास है कि विकास का लाभ समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुँचे। बदेरा और गोरइया सहित इस सम्पूर्ण पहाड़ी क्षेत्र के विकास के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। इस क्षेत्र में रहने वाले किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने के लिये जल्द ही सर्वे टीम भेजी जायेगी। 30 असिंचित ग्राम पंचायत के किसानों को सिंचाई सुविधा के लिये वहाँ लिफ्ट इरीगेशन के जरिये पानी पहुँचाया जायेगा। इस क्षेत्र में नल-जल योजना के जरिये पीने का पानी पहुँचाए जाने की व्यवस्था की जायेगी।
चौहान ने कहा कि सरकारी जमीन पर कई वर्ष से कब्जेधारियों को मालिकाना पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री आवास योजना में आवासहीनों को मकान बनाकर दिये जायेंगे। श्री चौहान ने ग्राम भदनपुर में हाई स्कूल, पहाड़ी क्षेत्र की 4 प्रमुख सड़क की मरम्मत, पंचायत, विद्यालय और खेल मैदान बनाये जाने की भी बात कही। ग्रामीणों से शाला में मध्यान्ह भोजन, बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें और यूनीफार्म मिलने की जानकारी ली। राज्य सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलवाने के लिये प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम को सांसद श्री गणेश सिंह और पूर्व विधायक श्री नारायण त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
ग्राम गोरइया में जन-संवाद के दौरान मुख्यमंत्री का ध्यान नि:शक्त बालिका आरती नामदेव की ओर गया, जिसे उन्होंने मंच पर बुलाया और बालिका के इलाज के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये। कहा कि नि:शक्त बालिका का इलाज राज्य सरकार के खर्च पर होगा।