भोपाल, दिसम्बर 2015/ मध्यप्रदेश में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जाँच में सूचना-प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाएगा। अब राज्य में डिजिटाइजेशन एम. आई. एस. (मेनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम) का क्रियान्वयन होगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियाँ कर ली गई हैं। नव वर्ष से प्रदेश के सोनोग्राफी सेंटर्स में फार्म ‘एफ” ऑनलाइन भरा जाएगा। इस व्यवस्था को सशक्त बनाया जाएगा। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक में यह जानकारी दी गई।
बताया गया कि राज्य में अब ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के माध्यम से गर्भवती महिला को मोबाईल फोन पर पासवर्ड देकर सत्यापन किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वास्तविक गर्भवती महिला का केंद्र में परीक्षण किया जा रहा है और अधिकृत चिकित्सक की सेवा ली जा रही है। सोनोग्राफी केंद्र संचालक द्वारा फार्म एफ में बायोमेट्रिक डॉटा की प्रविष्टि होगी। सभी ऑनलाइन एफ फार्म इस डॉटा के माध्यम से चिकित्सक द्वारा भरे जा सकेंगे। इस व्यवस्था से गर्भवती महिला की सही और व्यवस्थित चिकित्सकीय जाँच में मदद मिलेगी। कुछ स्थानों से इस तरह की शिकायतें आती हैं कि रजिस्टर्ड महिला के स्थान पर किसी अन्य महिला की सोनोग्राफी की गई अथवा निर्धारित चिकित्सक के अलावा किसी अन्य चिकित्सक द्वारा परीक्षण किया गया।
राज्य में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम में दो विशेष पर्यवेक्षण दल निरंतर जिलों में निरीक्षण की कार्यवाही कर रहे हैं। ये दल पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. अधिनियम के तहत अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन के संचालन तथा संधारित दस्तावेज का निरीक्षण कर राज्य सक्षम प्राधिकारी को प्रतिवेदन देते हैं ।
अठारह केंद्र सील
जानकारी दी गई कि राज्य में अधिनियम के तहत गत वित्त वर्ष में 18 केंद्र सील किए गए। आठ न्यायालयीन प्रकरण भी दर्ज हुए हैं। शेष दस प्रकरण के बारे में भोपाल सहित शाजापुर, देवास, उज्जैन, विदिशा जिले से जानकारी लेकर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुरस्कार योजना में अधिक लोगों को प्रोत्साहन
मध्यप्रदेश में बेटी बचाओ अभियान के अनेक आयाम हैं। इसमें की जाने वाली कार्यवाहियों में राज्य में भ्रूण लिंग परीक्षण और लिंग आधारित गर्भपात की सूचना देने वालों को नगद पुरस्कार देने की त्रि-स्तरीय योजना भी संचालित हैं। पूर्व में ऐसे अवैध कार्य की सूचना देने वाले व्यक्ति को ही पुरस्कृत करने का प्रावधान था। सफल स्टिंग के लिए एक लाख की राशि दो किश्त में दी जाती है। अब संबंधित गर्भवती महिला और सहयोगी भी पुरस्कार के पात्र होंगे। सफल स्टिंग आपरेशन के एक लाख रुपए के पुरस्कार में समुचित प्राधिकारी के सत्यापन के बाद प्रथम किश्त में मुखबिर को 30 हजार, गर्भवती महिला और उसके सहयोगी को 10-10 हजार की राशि दी जाएगी। न्यायालय में अपराध सिद्ध होने पर द्वितीय किश्त में भी पुरस्कार राशि की यही व्यवस्था रहेगी।
सिर्फ मुखबिर की ओर से स्टिंग आपरेशन किए जाने पर समुचित प्राधिकारी के सत्यापन के बाद प्रथम किश्त में 50 हजार और न्यायालय में अपराध सिद्ध होने पर 50 हजार की द्वितीय किश्त की राशि दी जाएगी। सिर्फ मुखबिर द्वारा सूचना देने पर की गई कार्यवाही में कोर्ट में चालान पेश होने पर 50 हजार और अपराध सिद्ध होने पर शेष 50 हजार रुपए दिए जायेंगे।
बैठक में बोर्ड की सदस्य विधायक श्रीमती ललिता यादव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह, स्वास्थ्य आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल, मिशन डायरेक्टर नेशनल हेल्थ मिशन मध्यप्रदेश श्री फैज अहमद किदवई उपस्थित थे।
आयुष पुरस्कार
प्रदेश में आयुष चिकित्सा को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित आयुष पुरस्कार के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मिश्रा और पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी ने प्राप्त प्रविष्टियों पर विचार-विमर्श किया।