भोपाल, दिसम्बर 2015/ उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ की व्यवस्थाओं में आई.टी. का उपयोग किया जा रहा है। सिंहस्थ मेला कार्यालय ने अखाड़ों, साधु-संतों, मण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वरों को मेला क्षेत्र में आवंटित किये जाने वाले भू-आवंटन-पत्र को आई.टी. से जोड़ा है। आकर्षक एवं क्यूआर कोडयुक्त आवंटन-पत्र अपने-आप में यूनिक है। इस तरह का प्रयोग पहली बार सिंहस्थ में किया जा रहा है।
क्यूआर कोड तकनीक बार कोड से आगे की टेक्नालॉजी है। इससे भू-आवंटन-पत्र सुरक्षित रहेगा। इसको बदला नहीं जा सकता है और न ही इस पर ओव्हर-रायटिंग की जा सकेगी। जैसे ही क्यूआर कोड, कोड-रीडर सॉफ्टवेयर द्वारा पढ़ा जायेगा, भू-खण्ड आवंटन से संबंधित जानकारी तत्काल स्क्रीन पर आ जायेगी। क्यूआर कोड स्मार्ट फोन से भी स्केन हो सकेगा। इस व्यवस्था के कारण आवंटन-पत्र की जाँच भी ऑन द स्पॉट की जा सकेगी। क्यूआर कोड से अब आवंटन-पत्र की नकल नहीं की जा सकेगी। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में बनने वाले परिचय-पत्र को भी क्यूआर कोडयुक्त बनाया जायेगा। इससे नकली परिचय-पत्र नहीं बन पायेंगे।