भोपाल/ मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने सरकार द्वारा लागू की गई अंशदायी पेंशन योजना में कर्मचारियों की पेंशन राशि जमा करने एवं शासकीय अंशदान की कटौती में भारी गडबडि़यां होने का आरोप लगाया है। सरकार ने वर्ष 2005  के बाद नियुक्‍त शासकीय सेवकों के लिये यह योजना शुरू की थी।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि 2005 से 2010 तक अंशदायी पेंशन योजना के खातों को मैन्‍युअली ऑपरेट किया जा रहा था जिसमें गडबडियां हुई हैं। अनेक कर्मचारियों की राशि की कटौती करते समय सरकारी अंशदान की राशि कम जमा की गई जिससे कर्मचारियों को नुकसान हुआ है। ऐसा कोई प्रावधान नही हैं कि सरकार द्वारा कम दिये गये अंशदान की राशि की प्रतिपूर्ति को कर्मचारियों के खाते में जमा किया जाए।

अनेक कर्मचारियों के अंशदायी पेंशन योजना के खाते खोलने में 4 से 6 माह लगते हैं जिससे इन कर्मचारियों के खातों में जो राशि जमा की जाती है उस पर उन्हें ब्याज का नुकसान उठाना पडता है। वित्‍त विभाग ने विलम्ब से राशि जमा करने पर संबंधित विभाग को 8 प्रतिशत ब्याज सहित राशि जमा करने के निर्देश दिये है परन्तु इसका भी पालन नही किया जाता है।

लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि परीवीक्षा अवधि समाप्त होने पर कर्मचारियों को दो वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाती है। इस राशि का एरियर बनता है। यह राशि वेतन का एक हिस्सा होती है। परन्तु इसमें से पेंशन खाते में कोई राशि जमा नही की जाती है और न ही शासन इस पर अपना अंशदान जमा करता है।

श्री शर्मा ने बताया कि आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा आयोजित की जा रही संयुक्त परामर्शदात्री समिति में इसे मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा ऐजेण्डा बिन्दु के रूप में प्रस्तुत किया गया है और इस पर चर्चा कर निर्णय कराया जाएगा।

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