भोपाल, नवम्बर 2015/ पिता द्वारा किये गये सद्कार्यों का प्रभाव उनकी संतानों पर भी पड़ता है। इसको चरितार्थ किया है। पूर्ववर्ती मध्य भारत राज्य में न्याय एवं केन्द्र पंचायत कोलारस तथा उज्जैन जिले की ग्राम पंचायत मकराना के लम्बे समय तक सरपंच रहे स्व. श्री केशरीचंद जैन के पुत्रों ने। एक हजार से कम आबादी के इस गाँव में वर्ष 1950 तक कोई स्कूल नहीं था। तब श्री जैन ने अपने बड़े पुत्र श्री निर्मल कुमार जैन को राजस्थान सीमा पर स्थित एक अन्य गाँव में प्रारंभिक शिक्षा दिलवायी थी। कालांतर में श्री निर्मल कुमार जैन मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी बने। वर्ष 1950 में उन्हीं के प्रयासों से गाँव में प्राथमिक शाला प्रारंभ हुई। श्री जैन ने न केवल शाला भवन का निर्माण, बल्कि अध्यापक के रहने के लिये स्वयं के व्यय से आवास का निर्माण भी करवाया। दो अन्य पुत्र टाटा केमिकल्स के पूर्व उपाध्यक्ष श्री पदमचंद जैन एवं मुम्बई के व्यवसायी श्री वीरेन्द्र कुमार जैन ने भी इसी पाठशाला में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की।
स्व. श्री केशरीचंद जैन के तीनों पुत्र ने अब गाँव के इसी स्कूल के भवन का पुनर्निर्माण करवाया है। इतना ही नहीं उन्होंने राज्य शासन की नीति के अनुसार बालक-बालिकाओं के लिये अलग-अलग शौचालय भी बनवाये हैं। निजी सहभागिता को बढ़ावा देने की राज्य शासन की नीति के अनुसार शाला भवन का नामकरण स्व. श्री केशरीचंद जैन के नाम पर किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन 28 नवम्बर को पुनर्निर्मित शाला भवन का लोकार्पण करेंगे।