भोपाल, नवम्बर 2015/ खनिज एवं ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश के खनिज अन्वेषण कार्य की वित्तीय भरपाई राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (एन.एम.ई.टी.) फण्ड से हो। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के 5 कोल ब्लाक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही खनिज विभाग के आधुनिकीकरण के लिये 25 करोड़ रुपये की योजना बना कर केन्द्र को प्रस्ताव भेजा गया है। खनिज एवं ऊर्जा मंत्री नई दिल्ली में एन.एम.ई.टी. के संचालक मंडल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। अध्यक्षता केन्द्रीय खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की। बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।

खनिज मंत्री ने बताया कि प्रदेश में खनिज ब्लाक के अन्वेषण और पूर्वेक्षण कार्यों के लिये राज्य सरकार ने क्षेत्रीय स्तर पर कार्य करने की योजना बनाई है। इस योजना पर 16 करोड़ 39 लाख का खर्च आयेगा। प्रदेश के मुख्य खनिजों से प्राप्त राजस्व के अनुसार अक्टूबर 2015 तक 2 प्रतिशत अर्थात लगभग 36 करोड़ की राशि प्राप्त होंगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ष एन.एम.ई.टी. फण्ड से जो राशि प्राप्त होंगी वह सम्पूर्ण राशि प्रदेश के खनिजों के अन्वेषण कार्य पर खर्च किया जाना प्रस्तावित है। श्री शुक्ल ने बताया कि केन्द्र सरकार के उपक्रम एम.ई.सी.एल., जो राज्य में 4 कोल ब्लॉक का अन्वेषण कार्य कर रहा है, को 16 करोड़ 39 लाख रुपये का भुगतान एन.एम.ई.टी. फण्ड से करवाया जाना उचित होगा। श्री शुक्ल ने बताया कि खनिज विभाग का सारा कार्य विभागीय ई-खनिज पोर्टल पर किया जा रहा है। इससे निविदा एवं अन्य कार्यों में पारदर्शिता आयी है।

खान मंत्रालय में आयोजित बैठक में खनिज विकास एवं विनियम संशोधन (एम.एम.डी.आर.) अधिनियम-2015 में किये गये नीलामी प्रावधान पर विचार-विमर्श किया गया। केन्द्र सरकार द्वारा एन.एम.ई.टी. के संबंध में संशोधित अधिनियम की धारा 9 सी (4) के अनुसार देय रायल्टी पर 2 प्रतिशत राशि एन.एम.ई.टी. पर फण्ड में जमा किया जाना तय किया गया है। खनिज मंत्री श्री शुक्ल ने कहा‍कि मध्यप्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के द्वारा प्रस्तावित एन.एम.ई.टी. फण्ड योजना से पूरी तरह सहमत है।

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