भोपाल, नवम्बर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि तेजी से आगे बढ़ने के लिए मध्यप्रदेश में उद्यमिता के गुण का विकास करने की आवश्यकता है। युवा उद्यमियों में क्षमता और प्रतिभा है। यहाँ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थानीय स्तर पर बहुतायत में उपलब्ध कृषि उपज या वनोपज पर आधारित कम से कम एक खाद्य प्र-संस्करण इकाई स्थापित की जायेगी। सफल उद्यमी नई पीढ़ी के उद्यमियों को भी प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री ने उद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ हासिल करने वाले उद्यमियों को सम्मानित किया। युवा उद्यमियों का आव्हान किया कि वे आगे बढ़ने का संकल्प ले। सरकार पूरा समर्थन करेगी तथा बैंक ऋण की गारंटी भी देगी। युवा रोजगार माँगने वाले नहीं रोजगार देने वाले बने।
श्री चौहान ने कहा कि खेती-किसानी और सड़क-बिजली-पानी जैसी आधारभूत अधोसंरचनाओं को स्थापित करने के बाद उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। मध्यप्रदेश पिछले कई सालों से विकास दर में बढ़त बनाए हुए है। कृषि विकास की दर पिछले चार साल से औसत 20 प्रतिशत चल रही है। विकास दर दो अंकों में बनी है। राज्य सरकार अकेले विकास नहीं कर सकती। उद्योग समुदाय को साथ देने की जरूरत है। खेती-किसानी प्राथमिकता का क्षेत्र है लेकिन उद्योगों पर ध्यान देना जरूरी है। अवर्षा से प्रभावित किसानों को तीन हजार 500 करोड़ रूपए की राहत और कृषि बीमा की इतनी ही राशि का वितरण किया जा रहा है। खेती से और ज्यादा लाभ लेने के लिये नवाचार करने की आवश्यकता है। इस साल खेती प्रभावित हुई है लेकिन अगली बार गेहूँ उत्पादन में पंजाब को भी पीछे छोड़ देने का आत्मविश्वास है। मध्यप्रदेश को बदलने का पूरा नक्शा तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसानों को उनकी उपज का ज्यादा पैसा मिलता है तो अच्छी बात है। बिचौलियों का लाभ कम होकर किसानों को मिलना चाहिए। उद्योगों की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में रियल स्टेट का क्षेत्र मंदा चल रहा है। जल्दी ही रियल स्टेट से जुड़े लोगों से चर्चा की जाएगी।
प्रारंभ में नई दुनिया के बिजनेस प्रमुख संजय शुक्ल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। नव दुनिया समूह के जनरल मैनेजर नीरज पाण्डे ने स्वागत भाषण दिया। मुख्यमंत्री ने पत्र समूह द्वारा सिंहस्थ पर प्रकाशित किताब का विमोचन किया। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव उपस्थित थे।