भोपाल, नवम्बर 2015/ ‘ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन-समाधान की ओर’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी 21-22 नवम्बर को विधानसभा भवन के मुख्य सभागार में होने जा रही है। संगोष्ठी में दोनों दिन विभिन्न सत्र होंगे।

शनिवार 21 नवम्बर को सुबह 10 से 11 आरंभिक सत्र होगा। इसमें प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण द्वारा स्वागत एवं परिचय दिया जायेगा। इसके बाद विषय विशेषज्ञ कार्यक्रम रूपरेखा को बतायेंगे। राज्य सभा सांसद और आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री अनिल माधव दवे द्वारा विषय प्रवर्तन किया जायेगा। आभार प्रदर्शन सिकोडीकोन नॉलेज पार्टनर श्री शरद जोशी द्वारा किया जायेगा।

दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक मुख्य सभागर में ‘ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन’ पर फिल्म दिखाई जायेगी। अपरान्ह 3 से 5 बजे तक होने वाले कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष श्री अनिल माधव दवे द्वारा स्वागत भाषण, नगरीय विकास एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य का उदबोधन, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन, आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर का मुख्य उद्बोधन और प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण द्वारा आभार प्रदर्शन किया जायेगा।

शाम 5.30 से 6.30 बजे तक नवधान्य पर्यावरणविद डॉ. वंदना शिवा का विशेष सत्र होगा। इसके बाद शाम 6.30 से 8 बजे तक सांस्कृतिक संध्या होगी। इसमें सुश्री सुचित्रा हरमलकर एवं समूह द्वारा ‘अमृतस्य नर्मदा’ की प्रस्तुति की जायेगी।

रविवार 22 नवम्बर को दोपहर 2.30 से 3 बजे तक संगोष्ठी के सामानान्तर सत्रों का विषयवार सार एवं अनुशंसाएँ प्रस्तुत की जायेंगी। समापन सत्र अपरान्ह 3 से शाम 5 बजे तक होगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज होंगी। अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष श्री सीता शरण शर्मा और आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री अनिल माधव दवे भी उद्बोधन देंगे। आभार प्रदर्शन नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्री श्री लाल सिंह आर्य करेंगे।

समानान्तर सत्र

प्रथम दिवस सुबह 11.30 बजे से दोपहर 1.30 तक 5 समानान्तर सत्र होंगे। इसमें ‘वैश्विक शांति एवं संवहनीयता के अनिवार्य तत्व’ विषय पर प्रो.कलानाथ शास्त्री, प्रो.अम्बिका दत्त शर्मा, प्रो. अरुणा, डॉ.आर.पी.शर्मा, डॉ.अनुभव वार्ष्णेय और डॉ.रानी दधीच, ‘पंचमहाभूत संतुलन: आधुनिक विज्ञान के नज़रिये से’ विषय पर डॉ. एस.डी.अत्री, श्री अजीत त्यागी, डॉ. रवीन्द्र पाठक, श्री सरथ गुथिकुंडा, श्री सौम्या दत्ता, वैज्ञानिक श्री बिमन बासु और श्री उमेन्द्र दत्त, ‘लोक रीतियों में पर्यावरण चिंतन: एक संवाद’ विषय पर श्री ओम थानवी, श्री अनुपम मिश्र, श्री कपिल तिवारी और श्री शुभु पटवा, ‘एक पारिस्थितिक सभ्यता का निर्माण’ विषय पर श्री वी.एस. विजयन, श्री पोपट राव पवार, श्री विजय जरधारी और श्री असीम श्रीवास्तव तथा ‘जलवायु परिवर्तन से मानव समुदाय और पृथ्वी को संभावित क्षति’ विषय पर श्री समानी चरित्र प्रजना, श्री परमजीत सिंह चंढोक, श्री एस.पी.सिंह, श्री योगेश कुमार जाधव और श्री बी.के. गोलो पिल्ज़ द्वारा व्याख्यान दिया जायेगा।

द्वितीय दिवस सुबह 9 से 11 बजे तक 5 सामानान्तर सत्र होंगे। इसमें ‘भारतीय परम्पराएँ एवं प्रथाएँ: पारिस्थितिकीय और सतत विकास के संबंध में’ विषय पर प्रो. एम.ए. लक्ष्मीतथाचार, प्रो. पी.के. दशोरा, प्रो. नीरज शर्मा, प्रो.उमारानी त्रिपाठी और श्री कृष्ण शर्मा, ‘जलवायु परिवर्तन की समस्या और निदान’ विषय पर श्री बिमन बासु, श्री सागर धारा, श्री विजय परांजपे और श्री शम्भु रतन अवस्थी, ‘लोक विधाएँ एवं पर्यावरण’ विषय पर श्री भारतेन्दु प्रकाश, श्री संगीत वर्मा और श्री राजकुमार गुप्ता, ‘जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में महिलाओं के लिए चुनौती’ विषय पर सुश्री नीलम घोरे, सुश्री अदिति कपूर, सुश्री गुरिंदर कौर और सुश्री मीरा शिवा तथा ‘प्रकृति और धर्म के अंतर्संबंधों की प्रगाढ़ता’ विषय पर डॉ. होमी ढल्ला, फादर एम.डी. थॉमस, श्री आरिफ मोहम्मद खान, स्वामी जगदीश कापरी, श्री लोकेश मुनीजी और डॉ. कृष्ण लाल विष्णोई व्याख्यान देंगे।

इसी दिन सुबह 11.30 से दोपहर 1.30 बजे तक भी 5 समानान्तर सत्र होंगे। इसमें ‘भारतीय परिकल्पना का समय’ विषय पर श्री एम.ए.अलवर, प्रो. सचितानंद मिश्रा, डॉ. उपेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. नंदिता सिंघवी, प्रो. ओमप्रकाश पाण्डेय और प्रो. सम्पदानंद मिश्रा, ‘परिवर्तन का प्रेरक’ विषय पर श्री समर बाघची, सुश्री कविता कुरुगंथी और श्री सुनील जोशी, ‘माटी, बीज और बोली-बानी’ विषय पर श्री शुभु पटवा, श्री राजू टाइटस, श्री बाबूलाल दाहिया, श्री कपिल शाह और श्री प्रदीप शर्मा, ‘भविष्य निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषय पर डॉ. अनुभव वार्ष्णेय, डॉ. क्षिप्रा माथुर, श्री गौरव जोशी, सुश्री रिया केसरी, सुश्री शाम्भवी, ‘पर्यावरणीय भेदभाव और न्याय का प्रश्न’ विषय पर सिस्टर जयंती, डॉ. ए.के. मर्चेंट, श्री गेशे दोरजी, स्वामी संवित सोमगिरी, फादर स्टेफेन फर्नांडीस और स्वामी योगेश्वरानंद का व्याख्यान होगा।

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