भोपाल, नवम्बर 2015/ आयुक्त सहकारिता मनीष श्रीवास्तव द्वारा सहकारिता विभाग के समस्त अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ली गई बैठक में मंथन के अंतर्गत दिये गये कार्यक्रम क्रियान्वयन पर चर्चा की गई ।
शासन की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर के सभी किसानों को प्राथमिक सहकारी संस्था का सदस्य बनाने हेतु विशेष अभियान चलाया जायेगा । सहकारी संस्थाओं के सदस्य बनने के बाद किसानों को मध्यप्रदेश शासन की बिना ब्याज कर्जे की सहायता मिल सकेगी । किसानों को अमानक खाद व बीज से समय समय पर बड़ी हानि झेलनी पड़ती है । शासन किसानों की इस व्यथा से चिंतित है । अब प्राथमिक सहकारी संस्था का सदस्य बनने पर किसानों को अच्छी गुणवत्ता का प्रमाणिक खाद व बीज उचित दामों पर मिल सकेगा । किसानों को भविष्य में शासन की अन्य कृषक हितैषी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा ।
फसल बीमा सोसायटी द्वारा दिये जाने वाले ऋण से संबंधित होने से बहुत से कृषक स्वत: पहल करके अपनी फसलों का बीमा नहीं करा पाते । ऐसी स्थिति में फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई न होने से किसान आर्थिक तंगी के दुष्चक्र में फंस जाता है । इसे देखते हुए अब सहकारी बैंक अऋणी कृषकों का भी बीमा करेंगे । यह सुविधा किसानों को उनके क्षेत्र की सोसायटी में ही उपलब्ध हो जायेगी ।
किसानों को आय के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने के लिये बागवानी फसलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब प्रदेश भर में फल फूल साग भाजी संस्थाओं का गठन किया जा रहा है । इन संस्थाओं को साँची मिल्क रूट की तर्ज पर विपणन केन्द्रों से जोड़ा जायेगा । इस प्रकार किसानों को एक और नगद ऋण खाद बीज आदि की सहायता सोसायटी से मिलेगी, वहीं उनके द्वारा उत्पादित फल-फूल साग भाजी को उनके गांव में ही उचित दाम पर मिलेगा । उपभोक्ताओं को भी कीमतों के उतार-चढ़ाव से राहत मिलेगी ।
सहकारिता आयुक्त ने इन क्षेत्रों में पूर्ण मनोयोग से कार्य करने हेतु अधिकारियों को आदेशित किया है और कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा एवं कार्यों की समीक्षा हेतु 26 नवम्बर को विंध्याचल भवन में बैठक भी बुलाई है । यहां यह उल्लेखनीय है कि आयुक्त सहकारिता मनीष श्रीवास्तव एवं प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी द्वारा सहकारिता को नए क्षेत्रों में लाने के लिये निरंतर प्रयास किया जा रहा है तथा सेवा प्रदाता पर्यटन, भंडारन, वैकल्पिक ऊर्जा आदि क्षेत्रों में कार्य दलों का गठन किया गया है ।