भोपाल, नवम्बर 2015/ मध्यप्रदेश में रोशनी के पर्व दीपोत्सव पर तीन दिन में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बिजली की आपूर्ति की गयी है। दीपावली के दिन 11 नवम्बर को प्रदेश में 20 करोड़ 20 लाख 31 हजार यूनिट बिजली की सप्लाई की गयी, जबकि पिछले वर्ष दीपावली के दिन प्रदेश में 17 करोड़ 71 लाख 4 हजार यूनिट बिजली की सप्लाई हुई थी, जो 14 प्रतिशत अधिक रही है। दीपावली के दिन बिजली की अधिकतम माँग 9 हजार 178 मेगावाट रही, जबकि पिछले वर्ष अधिकतम माँग 7,901 मेगावाट रही थी। इस तरह से देखा जाये तो पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आईसीपी केसरी और एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों के अभियंताओं और कार्मिकों को रोशनी के पर्व पर सतत् बिजली उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति किये जाने के लिए बधाई दी है।

दीपावली के एक दिन पहले 10 नवम्बर को नरक चौदस के दिन 20 करोड़ 62 लाख 19 हजार यूनिट बिजली की सप्लाई की गई, जबकि पिछले वर्ष 17 करोड़ 99 लाख 23 हजार यूनिट बिजली की सप्लाई की गयी थी। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक बिजली की आपूर्ति की गयी है। नरक चौदस को बिजली की अधिकतम माँग 9,582 मेगावाट रही, जबकि पिछले वर्ष यह माँग 8,150 मेगावाट दर्ज हुई थी। इस प्रकार से बिजली की माँग में 18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई। इस वर्ष 9 नवम्बर धन तेरस को राज्य में 20 करोड़ 63 लाख 65 हजार यूनिट बिजली की सप्लाई की गई।

प्रदेश में इस वर्ष दीपावली के दिन मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का उत्पादन 2,506 मेगावाट तथा जल विद्युत गृहों का उत्पादन 214 मेगावाट रहा। सरदार सरोवर जल विद्युत गृह से प्रदेश को 53 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। वहीं सेंट्रल सेक्टर एवं डीवीसी से 2,693 मेगावाट बिजली का अंश प्राप्त हुआ एवं बैंकिंग से प्रदेश को 1,193 मेगावाट बिजली मिली। प्रदेश को आईपीपी और अन्य स्त्रोतों से 2,520 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।

इस वर्ष दीपावली के दिन प्रदेश में सफलतापूर्वक बिजली सप्लाई करने में स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर, एम.पी. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड का कंट्रोल रूम तथा क्षेत्रीय कार्यालय, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के साथ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी और प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम एवं मैदानी अभियंताओं तथा कार्मिकों की सराहनीय भूमिका रही।

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