भोपाल, नवम्बर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश तेजी से प्रगति करने वाला राज्य है। विकास की अपार संभावनाओं वाले अपने राज्य को दुनिया का सबसे अच्छा राज्य बनाना है। उन्होंने नागरिकों का आव्हान किया है कि वे प्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने में जिद, जुनून और जज्बे के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। श्री चौहान लाल परेड ग्राउंड में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गृह मंत्री बाबूलाल गौर भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना के 60वे वर्ष के अवसर पर राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, नौकरशाहों, कर्मचारियों, व्यापारियों, व्यवसायियों और आमजन के प्रति आभार ज्ञापित किया, जिनकी मेहनत और समर्पण से मध्यप्रदेश देश का सबसे तेजी से प्रगति करने वाला राज्य बना है। लगातार दो वर्षों से राज्य की विकास दर देश में सर्वाधिक है। पिछले सात साल से विकास की दर 10 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि राष्ट्रीय विकास दर साढ़े चार प्रतिशत की ही रही है। पिछले दो-तीन वर्षों में कृषि में जलवायु परिवर्तन और मौसम की मार की आपदाओं के बावजूद प्रदेश ने पिछले चार वर्षो में कृषि क्षेत्र में दुनिया में सबसे अधिक विकास की दर प्राप्त की है। राज्य में सूखे का संकट है। किसानों को भरपूर सहायता और राहत दी जा रही है। साल हारे हैं किसानों को जिन्दगी नहीं हारने देंगे। किसानों को राहत, फसल बीमा की राशि दी जायेगी। कर्ज की वसूली रोक दी गई है। ब्याज का भुगतान सरकार कर रही है। आगामी वर्ष के लिये शून्य प्रतिशत पर ही ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। गेहूँ, चावल और नमक एक रुपये किलों में मिलेगा और उनकी बेटियों की शादी भी सरकार करवायेगी। खेती में परिवर्तन के प्रयास किये जा रहे हैं। फसल चक्र बदलने, खेती पर जनसंख्या का दबाव कम करने, फल-फूल और औषधि पौधों के उत्पादन के अभिनव प्रयास भी किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश खेती को नई दिशा देने के प्रयासों में भी देश की अगुवाई के लिये संकल्पित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इण्डिया अभियान को सफल बनाने के लिये मेक इन मध्यप्रदेश की दिशा में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। रिलायंस समूह प्रदेश में 46 हजार करोड़ रूपये का निवेश करने जा रहा है। टीसीएस, इन्फोसिस जैसी कंपनियाँ प्रदेश में निवेश कर रहीं हैं। विश्वस्तरीय पावर प्लांट लग रहे हैं। प्रदेश एजूकेशन हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। कभी मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था। बिजली आती कम जाती ज्यादा थी, अब प्रदेश का विद्युत उत्पादन 2900 मेगावॉट से बढ़कर 15000 मेगावॉट तथा सिंचित क्षेत्र साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़कर साढ़े 36 लाख हेक्टेयर हो गया है। क्षिप्रा का नर्मदा से संगम हो गया है। केन को बेतवा से जोड़ने का प्रयास जारी है। अस्पतालों में नि:शुल्क दवाइयाँ, जाँचें और उपचार की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को और अधिक बेहतर बनाने के लिये डायल-100 की सेवा शुरू हो गयी है। बुलाने पर पुलिस शहरों में पाँच मिनट और गाँवों में 30 मिनट में स्थल पर पहुँच जायेगी।
मध्यप्रदेश में प्राकृतिक, ऐतिहासिक और मानव संसाधन की अपार संभावनायें हैं। हमारे युवाओं में प्रतिभा और योग्यता की कोई कमी नही है। सरकार उन्हें आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये संकल्पित है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। रोजगार के नये अवसर सृजित करने के लिये निवेश आमंत्रित किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र में संसाधनों के अधिकतम दोहन के लिये पर्यटन वर्ष के रूप में मना रहे हैं। स्वयं का उद्यम लगाने के लिये युवाओं को आवश्यक केपिटल, टेक्नालॉजी और मार्केटिंग में भी सहयोग किया जा रहा है। राज्य का स्थापना दिवस प्रत्येक नागरिक के परिश्रम और योगदान का प्रतीक है। इसे आनंद से मनाया जाना चाहिये।
संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा ने स्थापना दिवस पर शुभकामनाएँ और बधाई दी। उन्होंने इस अवसर प्रस्तुत किये जाने वाले कार्यक्रमों का विवरण दिया। कार्यक्रम में राजेश रोशन द्वारा द रोशन्स और मैत्रेयी पहाड़ी द्वारा अथ हिन्दी कथा कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। प्रस्तुति में विभिन्न कालखण्डों में हिन्दी की विकास यात्रा को 350 कलाकारों ने सजीव कर दिया। मुख्यमंत्री ने सुश्री मैत्रेयी पहाड़ी और संगीतकार राजेश रोशन का सम्मान भी किया।