भोपाल, नवम्बर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कला,संस्कृति और साहित्य के बिना जीवन अधूरा है। रवीन्द्र भवन भोपाल में कला और संस्कृति के विकास का साक्षी है। मुख्यमंत्री यहाँ नव-सज्जित रवीन्द्र भवन के लोकार्पण और रवीन्द्र सभा गृह के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने कहा है कि राजधानी में करीब 4000 की क्षमता वाला कन्वेशन सेंटर बनाया जायेगा। भोपाल कला और संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। मध्यप्रदेश में कला और संस्कृति से जुड़े अनेक कार्यक्रम किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार के सिंहस्थ में वैचारिक महाकुंभ आयोजित किया जायेगा जो विचार और चिंतन की दृष्टि से अनूठा कार्यक्रम होगा। इसके माध्यम से विश्व को मानव कल्याण का संदेश दिया जायेगा।
श्री चौहान ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त की है। पिछले सात वर्ष से प्रदेश की विकास दर 10 प्रतिशत और चार वर्ष से कृषि विकास दर 20 प्रतिशत से अधिक है। सड़क,बिजली, पानी, सिंचाई, उद्योग सभी क्षेत्र में विकास हुआ है। इन दिनों जलवायु परिवर्तन और सूखे के कारण प्रदेश के किसान संकट में है। संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है और उन्हें हर हाल में संकट से बाहर निकालेंगे।
संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा कि रवीन्द्र भवन का करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार किया गया। अगले दो साल में इसी परिसर में 24 करोड़ रुपये की लागत से 1000 सीट की क्षमता वाला रवीन्द्र सभा गृह बन कर तैयार होगा। मध्यप्रदेश में परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले कार्यक्रम लगातार किये जा रहे हैं। संस्कृति विभाग द्वारा वर्ष भर में 203 समारोह किये जाते हैं और 30 अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मान दिये जाते हैं।
कार्यक्रम में नृत्य-नाटिका ‘चित्तरूपा’ का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने नृत्य-नाटिका की प्रशंसा की तथा कलाकारों को सवा लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की