भोपाल, अक्टूबर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कर्मचारियों के वेतन एवं सेवा संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिये समिति गठित की जायेगी। यह समिति राज्य सरकार को विसंगतियाँ दूर करने के संबंध में सुझाव देगी। कर्मचारियों की जायज मांग पर गंभीरता से विचार कर सकारात्मक निर्णय लिये जायेंगे। श्री चौहान यहाँ मंत्रालय के सरदार वल्लभ भाई पटेल उद्यान में मध्यप्रदेश लिपिकीय कर्मचारी संघ एवं कर्मचारी संघों द्वारा उनके अभिनन्दन के लिये कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे अभिनंदन नहीं सिर्फ संवाद का कार्यक्रम रखें। कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने खड़े होकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और किसानों की मदद के लिये एक दिन का वेतन देने की सामूहिक रूप से घोषणा की। श्री चौहान ने कहा कि कर्मचारी मध्यप्रदेश रूपी परिवार में भाई-बहन की हैसियत रखते हैं। उनके बिना परिवार चलाना मुश्किल है। मुख्यमंत्री और लिपिक दोनों ही गरिमा और सम्मान में बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों पर गंभीर संकट है। इस साल का सूखा सबसे व्यापक है। उन्हें संकट से बाहर लाने के लिये जो भी जरूरी हो किया जा रहा है। उन्हें राहत और अन्य मदद देने के लिये बड़ी राशि की जरूरत होगी। इसका इंतजाम किया जा रहा है। कर्ज लेकर भी किसानों को राहत देना पड़े, तो दी जायेगी। किसानों के संकट का साल निकल जाये, इसके लिये सभी जरूरी कदम उठाये गये हैं। यह किसानों का साथ देने का समय है।
कर्मचारी संघों ने मुख्यमंत्री द्वारा पिछले दस साल में कर्मचारी हितैषी निर्णयों के लिये अभिनन्दन किया। सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के साथ संकट में किसानों का साथ देने की बात दोहराई। मुख्यमंत्री ने किसानों के संकट को देखते हुए अभिनंदन कार्यक्रम को संवाद कार्यक्रम में परिवर्तित कर दिया। उन्होंने दस साल के सुशासन के प्रतीक स्वरूप दस कलशों को प्रकाशमान किया।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री सुधीर नायक ने कर्मचारियों के वेतन एवं सेवा संबंधी विसंगतियों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर गौ एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शिव चौबे, कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा, लिपिकीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मनोज वाजपेयी एवं विभिन्न कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।