भोपाल, अगस्त, 2015/ स्मार्ट सिटी का प्लान बनाने और इसे लागू करने वालों का माइंड सेट स्मार्ट होना चाहिये। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात होटल नूर-उस-सबाह में चल रहे स्मार्ट सिटी कॉनक्लेव भोपाल 2015 में कही।
श्री गुप्ता ने कहा कि प्लान बनाने वालों के साथ ही लागू करने वालों की सोच भी सकारात्मक होनी चाहिये। जिनके लिये यह प्लान बनाया जा रहा है, उनके विचार भी इसमें शामिल किये जायें। मानसिकता को समझ कर व्यावहारिक प्लान बनाया जाये। शहर की जरूरत को पहले समझा जाये। प्रदेश में प्रशासनिक एवं राजनैतिक स्थितियाँ अनुकूल हैं जिससे प्लान के क्रियान्वयन में देरी नहीं होगी। शहर के साथ-साथ गाँवों को भी स्मार्ट बनाया जाये इससे शहरों में जनसंख्या का दबाव कम होगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम ने कहा कि शहर की जमीन, पानी और ऊर्जा का पूरा उपयोग स्मार्ट सिटी की प्लानिंग में होना चाहिये। भोपाल की पहचान लीफी लेक सिटी के रूप में होनी चाहिये। इसके लिये जरूरी है कि नव-विकसित कॉलोनियों में भी पर्याप्त पौध-रोपण हो।