भोपाल, अगस्त 2015/ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि भारतीय भाषाओं में अनेक कवि हुए लेकिन राष्ट्रकवि एक ही हुए हैं, वो हैं मैथिलीशरण गुप्त, जिनकी रचनाओं की श्रेष्ठता का हर कोई प्रशंसक है। डॉ. मिश्र आज दतिया के बड़ौनी में राष्ट्रकवि श्री मैथिली शरण गुप्त जयंती कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. मिश्र ने कहा कि श्री मैथिलीशरण गुप्त ने भारतीय हिंदी साहित्य को सृमद्ध किया।  दतियावासियों के लिए  सौभाग्य की बात है कि राष्ट्रकवि  श्री गुप्त पड़ोसी  जिले झाँसी के चिरगाँव के थे। उनका आशीर्वाद उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश को सयुंक्त रूप से मिला। साथ ही रचनाकारों के सृजन  पर भी उनका प्रभाव देखने को मिला।  इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मिश्र का गहोई वैश्य समाज ने अभिनन्दन किया। उन्होंने समाज के भवन के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। डॉ. मिश्र ने गहोई वैश्य समाज के नवीन पदाधिकारियों को शपथ  भी दिलवाई।

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