इंदौर, अगस्त 2015/ एक ओर तो प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया बनाना चाहते हैं वहीं दूसरी ओर डिजिटलाईजेशन के कारण औद्योगिक क्षेत्रों में कारखानों के भवन निर्माण के नक्शों को इंदौर में मंजूरी नहीं दी जा रही है। इसका कारण नगर निगम द्वारा डिजिटल नक्शे और सिग्नेचर हैं। औद्योगिक क्षेत्र में नक्शों की स्वीकृति नगर निगम, जिला उद्योग केंद्र और जिला प्रशासन की तीन सदस्यों की कमेटी करती है। अब तक कागजों और बाद में ऑनलाइन नक्शों की स्वीकृति पर हस्ताक्षर करने का काम अधिकारी करते थे। नई व्यवस्था में इसे डिजिटल कर दिया गया है। ऐसे में नक्शे निगम के इंजीनियरों और अधिकारी के हस्ताक्षर तो नक्शे पर हैं लेकिन जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के नहीं हैं। इस व्यवहारिक समस्या पर वरिष्ठ  अधिकारियों द्वारा हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश में सर्वाधिक कारखानों वाले शहर इंदौर में बड़ी संख्या में बिना नक्शा मंजूरी के ही कारखानों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके बाद भी बडी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो नक्शा स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य करते हैं। ऐसे कारखानों के संचालक मुसीबत में हैं क्योंकि उनके नक्शे स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं।

 

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