भोपाल, अगस्त 2015/ ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि बिजली सुधार कार्यक्रम के तहत प्रदेश में जनवरी, 2016 से बिजली की मीटरिंग एवं बिलिंग का कार्य निजी निवेशक के माध्यम से होगा। श्री शुक्ल ने इस कार्य की निविदा संबंधी प्रक्रिया की समीक्षा की। समस्त प्रक्रिया को दिसम्बर, 2015 तक पूरा किये जाने के निर्देश दिये।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता को जब उनकी वास्तविक खपत के अनुसार बिजली के बिल मिलेंगे, तो इससे उनका बिजली कम्पनियों के प्रति विश्वास बढ़ेगा। ट्रांसमिशन में जितनी मात्रा में बिजली दी जा रही है, उतनी राजस्व वसूली होने पर ही कम्पनियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। उन्होंने इसके लिये जरूरत के अनुसार लाइन स्टॉफ को बढ़ाये जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
बताया गया कि निजी निवेशकों से निविदा को अंतिम रूप देने के पहले भोपाल और नई दिल्ली में बैठकें होगी। इसमें प्रायवेट कम्पनियों को निविदा की शर्तों से अवगत करवाया जायेगा। तीनों कम्पनी के 7 रीजन में निविदा आमंत्रित की जायेगी। बताया गया कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को एसएमएस के जरिये बिजली के बिल, राशि और अंतिम तिथि की सूचना दी जायेगी। बिजली बिल वितरण के बाद पावती की व्यवस्था भी रहेगी।
प्रमुख सचिव ऊर्जा आई.सी.पी. केशरी ने बताया कि वर्तमान में यह कार्य आउट सोर्सेस के जरिये विभिन्न एजेंसी से करवाया जा रहा है। उपभोक्ता की आम शिकायत रहती है कि उन्हें बिजली का बिल समय पर और वास्तविक खपत के अनुसार नहीं मिल रहा है। नयी व्यवस्था लागू होने से इन समस्याओं से निजात मिलेगी। बैठक में एम.पी. पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी के एम.डी. संजय शुक्ल, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एम.डी. विवेक पोरवाल, ऊर्जा विभाग में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी मुकुल धारीवाल मौजूद थे।