भोपाल, अगस्त 2015/ राज्य शासन ने गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग की रिक्त सीटों पर बच्चों को प्रवेश दिलवाने के निर्देश सभी जिला कलेक्टर को दिये हैं। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई.) में प्रायवेट स्कूलों में वंचित समूह और कमजोर वर्गों के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिलवाने के लिये इस वर्ष भी तीन चरण में प्रक्रिया हुई है। शासन को कुछ प्रायवेट स्कूलों में सीट खाली रहने की सूचना प्राप्त हुई थी।
शासन ने शेष सीटों में पात्र बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश की व्यवस्था निर्धारित की है। इसके अनुसार पड़ोस तथा विस्तारित पड़ोस की सीमा का वंचित समूह और कमजोर वर्ग के किसी बच्चे से प्रवेश के लिये आवेदन आने पर उसे सीधे प्रवेश देने को कहा है। स्कूल ‘पहले आओ-पहले प्रवेश पाओ ‘ के सिद्धांत पर प्रवेश दें। अर्थात् रेंडम पद्धति से चयन के लिये लॉटरी की आवश्यकता न हो, क्योंकि आवेदन की संख्या उपलब्ध सीटों से कम होगी। कोई पालक/अभिभावक बच्चों को स्कूल में प्रवेश के लिये निर्धारित प्रपत्र में आवेदन डीईओ को भी दे सकेगा। डीईओ उसे संबंधित स्कूल को भेजेंगे, जहाँ सीट खाली होने पर प्रवेश दिया जायेगा।
शासन ने प्रवेश की उक्त निर्धारित प्रक्रिया से जिले के सभी प्रायवेट स्कूलों को अवगत करवाने के निर्देश भी दिये हैं। उल्लेखनीय है कि अधिनियम के अनुसार प्रायवेट स्कूलों में न्यूनतम 25 प्रतिशत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिलवाया जाता है।