भोपाल, जुलाई 2015/ ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिये वृक्षारोपण के माध्यम से राष्ट्रीय मार्ग, राज्य मार्ग, पी.एम.जी.एस.वाय., मुख्यमंत्री सड़क अथवा ग्राम पंचायतो के पहुंच मार्गो पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संतुलन का प्रयास किया जायेगा।

इस वृक्षारोपण के माध्यम से मनरेगा के पात्र हितग्राहियो, जॉबकार्ड धारियो की आय में वृद्धि कर उनकी आजीविका का सुदृढ़ीकरण का कार्य भी हो सकेगा, इसी उद्देश्य से महात्मा गांधी नरेगा में अब सड़को के किनारे वृक्षारोपण कार्य की कार्ययोजना के संबंध में शासन स्तर पर निर्देश जारी किये गये है, उक्त निर्देशो के परिपालन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भोपाल श्री पी.सी.शर्मा द्वारा कार्ययोजना के प्रारंभिक चरण हेतु उपर्युक्त सड़को का चिन्हांकन संबंधित विभाग द्वारा ग्राम पंचायत की सहमति से किये जाने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायतो को जारी किये गये है। चिन्हित मार्गो पर ट्रांजिट वॉक करके उनकी लंबाई, वृक्षारोपण हेतु उपलब्ध/उपर्युक्त स्थलो की जानकारी प्राप्त कर स्थल उपलब्धता अनुसार एक पंक्ति, दो पंक्ति अथवा तीन पंक्ति वृक्षारापेण करने का निर्णय लिया जावेगा।

सड़को के किनारे रोड़ शोल्डर से हटकर उपलब्ध शासकीय भूमि में जिससे कि सड़क की सुरक्षा प्रभावित न हो, खण्ड वृक्षारोपण का कार्य भी पंक्ति वृ़क्षारोपण के साथ किया जा सकता है। इस हेतु संबंधित निर्माण विभाग से समन्वय कर सहमति ली जा रही है। वृक्षारोपण हेतु पौधो का चयन पट्टा प्रदाय हितग्राही व ग्रामसभा की सहमति से उस क्षेत्र में सफल हो सकने वाली प्रजातियो में किया जायेगा।

उक्त कार्य हेतु हितग्राहियो का चयन मनरेगा अधिनियम के दृष्टिगत ट्री पट्टा प्रदाय कर प्राथमिकता क्रमानुसार अनुसूचित जाति परिवार, अनुसूचित जनजाति परिवार, आदिम जनजाति परिवार अधिसूचित, अनुसूचित जनजाति परिवार, अन्य गरीबी रेखा के परिवार, ऐसा परिवार जिनके मुखिया विकलांग है, भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार, इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, वनाधिकार अधिनियम-2006 अन्तर्गत लाभन्वित हक प्रमाण-पत्र धारक एवं लघु व सीमांत कृषक का चयन किया जायेगा। एवं चयनित हितग्राहियो को ‘‘वृ़क्ष मित्र ट्री पट्टाधारी के नाम से सम्बोधित किया जायेगा। ऐसे हितग्राहियो के चयन में प्राथमिकता दी जावेगी, जिनके पास पानी परिवहन हेतु स्वयं की साईकिल उपलब्ध हो। अत्यंत गरीब हितग्राही के चयन की दशा में उसके द्वारा लिखित में आश्वासन प्राप्त किया जायेगा, कि प्रथम भुगतान प्राप्त होने पर साईकिल की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।

ट्री पट्टा में भूमि का स्वामित्व शासन का रहेगा, मात्र पौधे से फल पत्ती आदि का अधिकार वृक्ष मित्र का होगा, जो कि पौधे के जीवित रहने की अवधि तक पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तान्तरित हो सकेगा।

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