भोपाल, जून 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में बिजली टेरिफ में वृद्धि के भार से किसानों को बचाने के लिये वर्ष 2015-16 में 5500 करोड़ की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। इससे करीब साढ़े 18 लाख किसान को फायदा होगा। अन्य वर्गों के लिये इस वर्ष विद्युत वितरण कम्पनियों को 300 करोड़ की सब्सिडी दी जायेगी। इस तरह इस वर्ष कुल सब्सिडी राशि 5800 करोड़ होगी।

मंत्रि-परिषद ने एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हार्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क बिजली देने का निर्णय लिया। इससे करीब साढ़े चार लाख किसान लाभान्वित होंगे।

30 यूनिट तक की मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 90 पैसे की सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया। स्थायी कनेक्शन वाले कृषि उपभोक्ताओं से प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष 1200 रुपये की दर से विद्युत बिल लिये जाने का निर्णय लिया गया। विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर तथा कृषि उपभोक्ता द्वारा देय दर में अंतर की राशि का पूरा भार राज्य शासन वहन करेगा। अस्थायी कनेक्शन वाले कृषि उपभोक्ताओं को एक रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जायेगी।

स्थायी तथा अस्थायी दोनों श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिये ईंधन लागत समायोजन का पूरा भार राज्य सरकार वहन करेगी। इसके बदले में सब्सिडी दी जायेगी। मंत्रि-परिषद ने नगरपालिका तथा नगर पंचायत की निम्न दाब सड़क बत्ती योजनाओं के लिये नियत प्रभार (फिक्सड कॉस्ट) पर 95 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह सब्सिडी देने का निर्णय लिया। उच्च दाब उदवहन/समूह सिंचाई योजनाओं को वार्षिक न्यूनतम प्रभार से छूट देने का निर्णय भी लिया गया। ऊर्जा प्रभार में भी 190 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी दी जायेगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एकल बत्ती उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 यूनिट तक की बिजली नि:शुल्क दी जाएगी।

25 हार्स पावर तक के पावरलूम उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के आधार पर बिजली बिल जारी होंगे। उन उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में एक रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी भी दी जायेगी। पावरलूम उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा दी जायेगी।

मं प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षा के विस्तार के लिये 2000 शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल में ICT@School योजना क्रियान्वित करने का निर्णय लिया। योजना में 20 हजार शिक्षक को प्रशिक्षित किया जायेगा। इस पर 128 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

उप पुलिस अधीक्षक के सीधी भर्ती के 252 रिक्त पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। यह पद वर्ष 2015 में भरे जायेंगे और इसके लिये संबंधित सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम को शिथिल किया जायेगा। इन पदों का समायोजन भविष्य में वर्षवार रिक्तियों के अनुसार सीधी भर्ती के पदों पर ही किया जायेगा। पूर्ण समायोजन होने तक इन पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जायेगी।

उच्च न्यायालय, जबलपुर के लिये 60 पद के सृजन को मंजूरी दी गई। जिला न्यायालयों के लिये भी 200 पद के सृजन को मंजूरी दी।

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