भोपाल, जून 2015/ मध्यप्रदेश में शिक्षा सत्र 2015-16 के दौरान शालाओं की गुणवत्ता का आकलन 46 जिले के चयनित 52 ब्लॉक की 20 हजार शाला में करवाने का निर्णय लिया गया है। शाला गुणवत्ता कार्यक्रम में ब्रिटेन के ’डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेव्हलपमेंट’’ (डीएफआईडी) और स्वयंसेवी संस्था आर्क के साथ एक पॉयलट योजना 3 साल पहले 3 जिले धार, सागर एवं भोपाल की 100 शाला में संचालित की गयी थी। पिछले साल भोपाल संभाग के 5 जिले की 2000 प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हॉयर सेकेण्डरी स्कूल में आंकलन का कार्य किया गया। पॉयलट योजना के परिणाम और क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए शासन ने इसे अब 46 जिले में विस्तारित किया है।

शासन ने भोपाल संभाग के जिलों को छोड़कर अन्य जिलों के सभी डीपीसी, डीईओ और डाइट प्राचार्य को शाला गुणवत्ता कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण, आकलनकर्ताओं के चयन के लिये मापदण्ड और जिले से की जाने वाली गतिविधियों का केलेण्डर भेजा है। साथ ही 52 ब्लॉक की सूची और स्कूलों की संख्या का विवरण भी भेजा है। शालाओं के आंतरिक एवं बाह्य आकलनकर्ताओं के चयन के लिये निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। आकलन दो आकलनकर्ताओं द्वारा किया जायेगा। आंतरिक आकलनकर्ता के रूप में जन-शिक्षक एवं ज्ञानपुँज/डीईओ द्वारा की गयी अन्य व्यवस्था से चयन होगा। बाह्य आकलनकर्ता का चयन सेवानिवृत्त प्राचार्य, प्रधानाध्यापक या व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक में से होगा। आकलन हाई एवं हॉयर सेकेण्डरी स्कूल में भी होगा, इसके लिये सेवानिवृत्त प्राचार्यों का चयन आवश्यक रूप से करने को कहा गया है।

ब्लॉक की सूची में शामिल सभी जन-शिक्षा केन्द्र के जन-शिक्षक आंतरिक आकलनकर्ता का कार्य करेंगे। उनके पदस्थ न होने की स्थिति में उस ब्लॉक के बीआरसी अथवा जन-शिक्षा केन्द्र प्रभारी आंतरिक आकलनकर्ता होंगे। कक्षा 9 से 12 की स्थिति में प्रत्येक जिले से 3 ज्ञान-पुँज/डीईओ द्वारा निर्धारित सदस्यों का चयन किया जायेगा। प्रत्येक जन-शिक्षा केन्द्र के लिये एक बाह्य आकलनकर्ता का चयन होगा। विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आकलनकर्ताओं की प्रतीक्षा-सूची भी तैयार की जायेगी तथा उन्हें नियमानुसार मानदेय का भुगतान होगा। बाह्य आकलनकर्ताओं की पहचान और उनके चयन के लिये समिति गठित होगी। डीईओ समिति के अध्यक्ष, प्राचार्य डाइट उपाध्यक्ष, डीपीसी सदस्य सचिव तथा एपीसी अकादमिक एवं बीआरसी सदस्य होंगे।

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