भोपाल, जून 2015/ अपराध के चाहे जो तरीके ईजाद हो जाएँ, मध्यप्रदेश पुलिस इन सबसे कारगर ढंग से निपटने में सक्षम है। इसके लिये प्रदेश में सुनियोजित ढंग से पुलिस का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात ग्वालियर में तिघरा स्थित पुलिस प्रशिक्षण शाला के नवीन भवन और उन्नयन कार्यों के लोकार्पण समारोह में कही। पुलिस प्रशिक्षण शाला तिघरा में 37 करोड़ से अधिक लागत से उन्नयन कार्य करवाए गए हैं। बढती हुई जनसंख्या को ध्यान में रखकर 26 हजार पुलिस जवानों की भर्ती भी सरकार द्वारा की जा रही है। समारोह में केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने आपराधिक तत्वों के साथ कोई रियायत न बरतने पर जोर देते हुए कहा कि दुष्टों के लिये पुलिस वज्र से भी कठोर बने। साथ ही सज्जनों के साथ सज्जनता का व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने मानवाधिकारों की फिर से व्याख्या करने की जरूरत भी बताई। हमारी पुलिस ने जहाँ डाकू समस्या का पूर्ण उन्मूलन करने में सफलता हासिल की है वहीं नक्सलवाद से भी प्रदेश की पुलिस कारगर ढंग से निपट रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस को आधुनिक संसाधन मुहैया करवाये जा रहे हैं।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी 15 अगस्त से “डायल 100” सेवा शुरू करने जा रही है। इस सेवा के शुरू होने पर शहरी क्षेत्रों में लगभग 5 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट के भीतर पुलिस आम आदमी की मदद के लिये पहुँचेगी।

गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय तिघरा के उन्नयन से अब 1500 जवान एक साथ प्रशिक्षण ले सकेंगे। पहले यहाँ मात्र 500 नव आरक्षक के प्रशिक्षण की व्यवस्था थी। पुलिस महानिदेशक श्री सुरेन्द्र सिंह और पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री ऋषि कुमार शुक्ला ने भी प्रदेश पुलिस की क्षमताओं पर प्रकाश डाला।

प्रशिक्षण शाला के उन्नयन के तहत परिसर में कई नये भवन बनाये गये हैं। इसमें प्रशासनिक भवन, आउटडोर ट्रेनिंग कॉम्प्लेक्स, शस्त्रागार, जिम, वेलफेयर, केन्टीन, छात्रावास, मेस, ड्रायविंग और फायरिंग सेम्यूलेटर, कॉन्फ्रेन्स हाल, कम्प्यूटर लेब, लायब्रेरी, अस्पताल आदि भवन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पीटी-परेड एवं बाह्य प्रशिक्षण के लिए तीन बड़े ग्राउण्ड बनाये गये हैं।

नवीन प्रशिक्षण उपकरण क्रय किये गये हैं। आउटडोर ट्रेनिंग के अंतर्गत नई तकनीक से नव आरक्षकों को फायरिंग का प्रशिक्षण देने के लिये 6 लेन का फायरिंग सिम्यूलेटर लगाया गया है, जिसमें प्रशिक्षणार्थियों को इलेक्ट्रानिक फायरिंग करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। पीटीएस में एक ड्रायविंग सिम्यूलेटर लगाया गया है ताकि प्रशिक्षु वाहन चालन का प्रशिक्षण नवीन स्वरूप में प्राप्त कर सकें।

प्रशिक्षण भवन में 12 नये क्लास रूम बनाये गये हैं। सभी में एल0सी0डी0 प्रोजेक्टर व कम्प्यूटर लगाये गये हैं। एक कम्प्यूटर लेब भी अलग से बनायी गयी है। प्रशिक्षण शाला में आउटडोर ट्रेनिंग के लिए एक क्लाइम्बिंग वाल बनाई गई है। दौड़ने के लिये 400 मीटर का राष्ट्रीय स्तर के आधुनिक ट्रेक के साथ ही 2 बास्केट बाल व 6 वॉलीबाल कोर्ट भी बनाये गये हैं।

तिघरा पुलिस प्रशिक्षण शाला की स्थापना सन् 1960 में हुई थी। शाला की स्थापना के पहले इस स्थान का उपयोग सामरिक दृष्टि से ब्रिटिश शासन के दौरान वायरलेस संचालन तथा लड़ाकू विमान उतारने के लिये किया जाता था।

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