भोपाल, जून 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि डॉयल-100 सेवा 15 अगस्त से एक साथ पूरे प्रदेश में लागू की जाये। साथ ही कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ रखने में टेक्नोलॉजी का ज्यादा उपयोग किया जाये। श्री चौहान यहाँ गृह विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में गृह मंत्री बाबूलाल गौर, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह मौजूद थे। श्री चौहान ने पुलिस, होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, लोक अभियोजन संचालनालय, मध्यप्रदेश पुलिस हाऊसिंग कॉर्पोरेशन एवं प्रबंध शाखा के कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता कि सुख और शांति सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश की समृद्धि कानून-व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर है। तकनीकी और मानव संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाये। तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने के साथ ही बल का प्रभावी नियोजन किया जाये। आम जनता की सहूलियत के लिये डायल 100 सेवा हर हाल में 15 अगस्त तक शुरू करने के प्रयास किये जायें। इस सेवा से जनता को बहुत उम्मीदें हैं। सेवा का संचालन का स्तर उत्कृष्ट हो। इसमें शहर में तत्काल तथा ग्रामीण क्षेत्र में भी पुलिस का रिस्पांस टाइम आधा घंटे से अधिक नहीं होना चाहिये। अधिकारी-कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाये। अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कृत और अकर्मण्य को दंडित किया जाना चाहिये। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में प्राप्त प्रकरणों की निराकरण प्रक्रिया को क्रॉस चेक करने की जरूरत बताई।

मुख्यमंत्री ने पुलिस कल्याण से संबंधित विषयों की समीक्षा की। निर्देश दिए कि आगामी तीन वर्ष में चरणबद्ध रूप में 24 हजार पुलिस आवास का निर्माण करवाया जाये। प्रदेश के समस्त थाने शासकीय भवन में संचालित हो। इस संबंध में आगामी तीन वर्ष की कार्य-योजना तैयार की जाए। पुलिस बल की नियुक्ति और पदोन्नति की प्रक्रिया की निरंतरता को बनाए रखें। साइबर क्राइम के संगठनात्मक और व्यक्तिगत अपराधों के नियंत्रण और दंडात्मक कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिये 7 जोनल कार्यालय खोले गए हैं। शीघ्र ही प्रदेश में स्टेट एक्जॉमिनर फॉर डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन भी तैनात किया जा रहा है। विज्ञान विषयों में शिक्षित उप निरीक्षकों को साइबर अपराधों की रोकथाम में लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने चिन्हित अपराधों का चालान 15 दिवस में प्रस्तुत होने की जानकारी ली। बताया गया कि 99.6 प्रतिशत चालान समय-सीमा में प्रस्तुत हो रहे हैं। विलम्ब के प्रत्येक प्रकरणों का गुण-दोष परीक्षण भी किया जाता है।

राज्य आपदा आपातकालीन बल की समीक्षा के दौरान श्री चौहान ने बल के निरंतर अभ्यास और प्रशिक्षण की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि बल द्वारा आपातकालीन परिस्थितियों में समुदाय के सहयोग से कार्य करने के लिए नगरीय एवं ग्रामीण अंचल में उत्साही युवाओं को चिन्हित कर प्रशिक्षित और जन-जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये जायें। बताया गया कि पुलिस आरक्षक के समान न्यूनतम वेतन देने की कार्रवाई भी प्रचलन में है। श्री चौहान ने लोक अभियोजन विभाग की समीक्षा के दौरान कार्य-क्षमता बढ़ाने की कार्य-योजना तैयार करने की जरूरत बताई।

जानकारी दी गयी कि प्रदेश के 11 शहर में 823 स्थान पर सी.सी.टी.व्ही. केमरे लगाए जाने की कार्रवाई प्रचलन में है। सिंहस्थ 2016 के संबंध में विभाग द्वारा तैयार कार्य-योजना की जानकारी दी गई। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री बी.पी.सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजय नाथ, होमगार्ड, पुलिस हाउसिंग, लोक अभियोजन आदि के महानिदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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