भोपाल, मई 2015/ डिण्डोरी जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा स्व-सहायता समूहों के जरिये किये जा रहे कोदो-कुटकी उत्पाद को भारती ब्राण्ड से मार्केट में बेचा जायेगा। उत्पाद का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 मई को दूसरी महिला पंचायत में किया था।

डिण्डोरी जिले के 41 गाँव की बैगा आदिवासी महिलाओं ने तेजस्विनी कार्यक्रम के जरिये कोदो-कुटकी की खेती शुरू की। वर्ष 2012 में 1,497 महिला ने प्रयोग के तौर पर 748.5 एकड़ भूमि पर 50 लाख 73 हजार की लागत से कोदो-कुटकी की खेती की थी। इसमें 2245.5 क्विंटल उत्पादन हुआ। इससे महिलाओं को 39 लाख 9 हजार रुपये का फायदा हुआ। इस सफलता से प्रेरित होकर वर्ष 2013-14 में 7,500 महिला ने 3,750 एकड़ में कोदो-कुटकी की खेती की। उन्होंने 15 हजार क्विंटल कोदो-कुटकी का उत्पादन किया। आदिवासी महिलाओं को इससे 4 करोड़ 12 लाख रुपये का मुनाफा हुआ।

तेजस्विनी कार्यक्रम के जरिये इन महिलाओं के उत्पाद को बाजार में बेहतर मूल्य मिले, इसके लिये भारती ब्राण्ड से कोदो-कुटकी की मार्केटिंग करने का निर्णय लिया गया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोदो-कुटकी की बेहद माँग है। डायबिटीज नियंत्रण, किडनी फंक्शन को बेहतर बनाने और गॉलब्लेडर को ठीक रखने में कोदो-कुटकी असरकारक आहार है। चूँकि यह जैविक उत्पाद है, इसलिये यह रासायनिक उर्वरक और कीट-नाशक के प्रभावों से भी मुक्त है।

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