भोपाल, मई 2015/ प्रदेश के युवा उद्यमी मुख्यमंत्री से मिलकर गदगद हो गये। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी युवा उद्यमियों और स्व-रोजगार हितग्राहियों की सफलता की कहानी सुनकर भाव-विभोर हो गये। मुख्यमंत्री निवास पर युवा उद्यमी सम्मेलन में उद्यमियों ने बताया कि पहले जहाँ वो दूसरों की नौकरी करते थे आज वे खुद दूसरों को नौकरी दे रहे हैं। इससे उनके जीवन की दिशा और दशा बदल गयी है।

श्री चौहान को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के लाभार्थियों के सम्मेलन में प्रदेश के कोने-कोने से आये युवाओं ने बड़े उत्साह से अपनी सफलता की बात कही। मुख्यमंत्री ने बधाई देते हुए कहा कि युवाओं को आत्म-निर्भर बनाने में सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगी। हितग्राहियों के बीच जाकर उनसे रु-ब-रू भी हुए। साथ ही उन्हें रोजगार-धंधे में सफलता के सूत्र बताये और शुभकामनाएँ दी। इस मौके पर सीहोर जिले के ग्राम सेंगादांगी के युवा उद्यमी अनिल दांगी ने कहा कि वे अब 40 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में एक करोड़ का ऋण प्राप्त कर सीमेंट उत्पाद बनाने का व्यवसाय शुरू किया है।

इसी तरह रीवा जिले की मऊगंज तहसील की मीनाक्षी द्विवेदी ने स्टोन क्रेशर का व्यवसाय शुरू किया है। उन्होंने क्रेशर प्लांट एवं मशीन के लिये 46 लाख 30 हजार का ऋण लिया है। देवास जिले के श्री अजय परमार ने भी एक करोड़ लागत की प्लास्टिक इंजीनियरिंग कम्पोनेट बनाने की इकाई स्थापित की है। उन्होंने इकाई में 10 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया है। आने वाले वर्षों में वे अपने उत्पाद निर्यात करने की योजना बना रहे हैं।

महेश्वर के अजीज अंसारी ने साड़ी निर्माण की इकाई के लिये 50 लाख का ऋण लिया है। शिवपुरी के गोविंद गोयल ने योजना में 50 लाख का ऋण लेकर आटा मिल स्थापित की है। वे मिल में 15 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। भोपाल की रंजना वर्मा ने फ्लोर मिल स्थापित की है जिसमें वे अब दूसरों को रोजगार उपलब्ध करवा रही है। इस फ्लोर मिल की लागत एक करोड़ है।

लाभार्थियों ने बताया कि वे अपने स्व-रोजगार से खुश और संतुष्ट हैं। इससे जहाँ एक ओर उनके परिवार का ठीक से भरण-पोषण हो रहा वहीं उनकी समाज में प्रतिष्ठा भी बढ़ी है। इसके लिये उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया।

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