भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि निजी क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये निर्मित डेढ़ लाख ई.डब्लू.एस. आवास के आवंटन का कार्य आगामी तीन माह में पूर्ण कर लिया जायेगा। बिल्डिंग परमिशन की ऑटोमेटिव व्यवस्था एक सप्ताह में कार्यशील हो जायेगी। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लिये कॉलोनाइजरों को एक ही लायसेंस लेना होगा। विकास प्राधिकरणों के द्वारा दी जाने वाली अनुमतियों और स्वीकृतियों की प्रक्रिया को भी सरल किया जायेगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के शेष रह गये निर्णयों को भी शीघ्र ही क्रियान्वित किया जायेगा। श्री चौहान यहाँ रियल एस्टेट के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार 37 लाख परिवार को पक्के मकान उपलब्ध करवाने के लिये संकल्पित है। उन्होंने इस प्रयास में सहयोग के लिये निजी क्षेत्र को विन-विन की स्थिति में कार्य करने के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट में निवेशकों के लिये सिंगल विण्डो की अवधारणा को और प्रभावी बनाया जायेगा। आवासीय नीति निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी के भी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र का भविष्य हाईराइज़ बिल्डिंगों में है। उन्होंने भोपाल की विशिष्ट पहचान को बनाये रखते हुए हाईराइज़ बिल्डिंगों के लिये क्षेत्र चिन्हांकित करने की जरूरत बताई। श्री चौहान ने कहा कि रियल एस्टेट के तेजी से बढ़ने से रोजगार बढ़ेगा। सरकार द्वारा सेक्टर को प्रभावी सहयोग दिया जायेगा।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि महानगर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित विकास के लिये आवश्यक नियम बनाये जा रहे हैं। प्रचलित विसंगितयों को भी दूर करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने गरीबों को छत उपलब्ध करवाने के प्रयासों में निजी क्षेत्र से आगे आने का आव्हान किया।

राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार संतुलित विकास के लिये संकल्पित है। निर्णय शीघ्र हो, प्रकिया सरल हो। नियम सभी जगह समान रूप से प्रभावी हों, इसके प्रभावी प्रबंध किये गये हैं।

कार्यक्रम को क्रेडाई के दिगाम्बर, भास्कर समूह के चेयरमेन रमेश अग्रवाल, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आयुक्त नगरीय विकास एवं पर्यावरण विवेक अग्रवाल, आयुक्त ग्राम एवं नगर निवेश गुलशन बामरा सहित ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, इंदौर आदि नगरों के रियल स्टेट के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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