भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में यहाँ सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में किसानों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन देने के लिये लागू अनुदान योजना में लघु एवं सीमांत किसानों से वर्ष 2015-16 में 6,500 रुपये प्रति हार्स-पॉवर की दर से राशि जमा करवायी जायेगी। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 7000 रुपये प्रति हार्स-पॉवर की दर से राशि जमा करवायी जायेगी।

अन्य किसानों से वित्तीय वर्ष 2015-16 में 10 हजार 400 रुपये प्रति हार्स-पॉवर और वित्तीय वर्ष 2016-17 में 11 हजार 200 रुपये प्रति हार्स-पॉवर की दर से राशि जमा करवायी जायेगी।

कृषि पम्प के अधोसंरचना के कार्य में लगने वाली राशि में से 5 हार्स-पॉवर पम्प के लिये लघु एवं सीमांत किसानों से मात्र 32 हजार 500 की राशि ली जायेगी। शेष राशि एक लाख 17 हजार 500 राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में दी जायेगी। अन्य किसानों से मात्र 52 हजार की राशि ली जायेगी और शेष 98 हजार की राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि स्थायी कृषि पम्प के लिये लागू अनुदान योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य शासन द्वारा 227 करोड़ की राशि अनुदान के रूप में दी गयी।

किसानों से वित्तीय वर्ष 2014-15 के समान ही इस वर्ष भी फ्लेट रेट पर मात्र 1200 रुपये प्रति हार्स-पॉवर की दर से 2 समान छ:माही किस्तों में बिजली बिल की राशि ली जायेगी। इसके एवज में राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में टेरिफ सबसिडी मद में विद्युत वितरण कम्पनियों को 4,480 करोड़ की राशि दी गयी। इस वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिये इस मद में 4,962 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मध्यप्रदेश वेट (संशोधन) अध्यादेश 2015

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश वेट (संशोधन) अधिनियम-2015 का अनुमोदन किया। इसमें वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2015-16 का बजट प्रस्तुत करते समय की गयी घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रावधान किये गये हैं।

अध्यादेश में कर-मुक्त मालों के निर्माण में उपयोग/उपभोग होने वाले कच्चे मालों तथा राज्य के बाहर स्टॉक ट्रांसफर किये जाने वाले मालों पर कर का भार 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है।

अध्यादेश में टेलीफोन, सेल्युलर हेण्ड-सेट और फेबलेट, तम्बाखू रहित पान मसाला और गुटखा के राज्य के अंदर पश्चातवर्ती विक्रयों के संदर्भ में होने वाले मूल्य संवर्धन पर कर प्राप्त करने के लिये समुचित उपबंध प्रस्तावित है।

राज्य सरकार द्वारा उद्योग संवर्धन नीति के अंतर्गत बीमार इकाइयों के दायित्वों, कर, ब्याज/शास्ति सहित, के निराकरण के लिये विभिन्न रियायत घोषित की जाती हैं। इसमें कर का भुगतान करने पर ब्याज/शास्ति के दायित्वों से मुक्ति आदि शामिल हैं। इस संबंध में योजना लागू करने के लिये अधिनियम में कोई उपबंध नहीं है। अध्यादेश में इस संबंध में समुचित उपबंध किया जाना प्रस्तावित है।

वर्तमान प्रावधान के अनुसार अपील बोर्ड द्वारा दिये गये स्थगन में वृद्धि किये जाने के लिये प्रथम अपील में निर्णय के बाद शेष बकाया की 5 प्रतिशत राशि, प्रत्येक 6 माह की वृद्धि के लिये, के भुगतान की अपेक्षा की गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा स्थगन में वृद्धि के लिये अतिरिक्त भुगतान की अपेक्षा को समाप्त करने की घोषणा के अमल के लिये समुचित संशोधन किया जाना प्रस्तावित है।

विद्यमान प्रावधान के अनुसार विवरण-पत्र विलंब से प्रस्तुत करने पर 30 दिन के विलंब के बाद 1000 रुपये प्रतिदिन अधिकतम 50 हजार रुपये के अध्यधीन रहते हुए शास्ति की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार अध्यादेश में 1000 रुपये प्रतिदिन अधिकतम 50 हजार रुपये को घटाकर आधा किये जाने का प्रस्ताव अध्यादेश में किया गया है।

मंत्रि-परिषद ने उच्च शिक्षा विभाग के 16 महाविद्यालय एवं 11 कन्या छात्रावास का निर्माण हुडको से ऋण लेकर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रति महाविद्यालय निर्माण लागत 3 करोड़ 38 लाख रुपये तथा छात्रावास लागत एक करोड़ 47 लाख रुपये है। कुल योजना की लागत 71 करोड़ 15 लाख रुपये है। निर्माण कार्य के लिये मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को एजेंसी नियुक्त किया गया है। मण्डल इसके लिये हुडको से 67 करोड़ 50 लाख रुपये का ऋण लेगा। इसके लिये राज्य सरकार प्रतिभूति देगी।

मंत्रि-परिषद ने ‘सफाई कर्मचारी नियोजन एवं शुष्क शौचालय संन्निर्माण प्रतिषेध अधिनियम-1993” की निरस्ती का अनुमोदन कर इसे विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया।

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