भोपाल, मई 2015/ प्रदेश में परम्परागत व्यवसायों में हुनरमंद 5000 निर्माण श्रमिक का कौशल प्रमाणीकरण किया जायेगा। इसके बाद इन्हें 120 घंटे का कोर तथा सपोर्ट स्किल प्रशिक्षण कार्य-स्थल पर ही दिया जायेगा। प्रशिक्षण पूरा करने वाले श्रमिकों को कंस्ट्रक्शन स्किल डेव्हलपमेंट काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने जानकारी दी है कि योजना पॉयलट के तौर पर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और सीहोर जिले में शुरू की जा रही है। प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद इन्हें जहाँ काम मिलने में आसानी होगी, वहीं कुशल श्रमिक श्रेणी का मेहनताना भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि पॉयलट योजना सफल होने पर इसे अन्य श्रमिक क्षेत्र में भी लागू किया जायेगा।
मध्यप्रदेश व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम. सिबि चक्रवर्ती ने बताया है कि प्रदेश में करीब 25 लाख पंजीकृत कामगार श्रमिक हैं। इनमें से अधिकांश के पास हुनर तो है, किन्तु इनके पास कोई औपचारिक प्रमाण-पत्र नहीं है। इसके कारण इन्हें अपने हुनर के अनुरूप मजदूरी नहीं मिल पा रही है।