भोपाल, मई 2015/ महिलाओं को सशक्त बनाने और सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिये शौर्या दल योजना पर अमल से प्रदेश के 20 जिले में बदलाव की शुरूआत हो चुकी है। शौर्या दल की शराबबंदी, बाल विवाह, परिवार को टूटने से बचाने, स्कूल, अस्पताल नियमित खुलवाने, बालिकाओं को बिकने से बचाने में शौर्या दल के सदस्यों ने वह कर दिखाया, जो असंभव था। शौर्या दल इस तरह की सभी चुनौतियों का पूरी ताकत और हिम्मत के साथ सामना करते हुए संभव कर रहे हैं।

रायसेन जिले के आलीवाड़ा में शौर्या दल ने सालों से बन रही और बिक रही शराब पर ग्रामीणों के सहयोग से न केवल रोक लगायी, बल्कि पूरे गाँव को नशा-मुक्त बनाया। जिले के देहगाँव में दल की समझाइश पर पिछले 6 माह से अलग रह रहे पति-पत्नी को फिर साथ रहने के लिये मनाया। ग्राम पंचायत पठारी एवं उचेर में गलत व्यवसाय में लगी महिलाओं को समझाकर न केवल उन्हें उससे निकाला, बल्कि उनके पुनर्वास के प्रयास भी शुरू किये। सीहोर जिले के ग्राम खामलिया में 3 बालिका नीतू, रानू और सोनू का अक्षय तृतीया पर होने वाला बाल-विवाह दल के सदस्यों ने समय पर उनके परिजन से बात कर रुकवा दिया। ग्राम जहाँगीरपुरा में भी 3 बालिका के विवाह होने से रोके।

टीकमगढ़ जिले के ग्राम कछियाखेरा में 70 एकड़ सरकारी जमीन पर दबंगों के कब्जे की जिला प्रशासन को सूचना देकर जमीन को मुक्त करवाया। ग्राम मलगुवाँ का सरकारी स्कूल शौर्या दल के दबाव से आज नियमित रूप से खुलता है। इसी जिले के ग्राम पेतपुरा में समाज के अनुसूचित वर्ग को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। समझाइश द्वारा आज वहाँ गाँव का हर व्यक्ति मंदिर जा सकता है।

मण्डला जिले के ग्राम बरगाँव में पार्वतीबाई अपने पति गंगाराम की शराबखोरी से परेशान थी। शौर्या दल ने हस्तक्षेप कर गंगाराम की शराब छुड़वाई, जिससे अब पार्वतीबाई का परिवार शांति से जीवन-यापन कर रहा है। ग्राम कजरवाड़ा के इंदर कुरचे ने दल के सदस्यों की समझाइश पर भविष्य में शराब न पीने का संकल्प लिया। मण्डला जिले में शौर्या दल की सक्रियता से 7 बाल-विवाह रोके गये। अपनी दादी के साथ कुपोषित जीवन जी रही अनाथ बालिका 9 वर्षीय शिवानी के लिये शौर्या दल ने बाल कल्याण समिति के जरिये पोषण-आहार की व्यवस्था करवायी।

विदिशा जिले के ग्राम टीलाखेड़ी में पति के घर में न रहने से अपनी सास, देवर एवं देवरानी से प्रताड़ित प्रज्ञा अहिरवार को शौर्या दल की सदस्य बबीता ने न केवल आत्म हत्या से रोका बल्कि तत्काल उसके पति से बात कर पत्नी को साथ रखने को कहा। आज प्रज्ञा अपने पति और बच्चों के साथ वहीं रह रही है, जहाँ उसका पति काम करता है।

जबलपुर जिले के ग्राम तिलहरी में शराब निर्माण पर रोक लगाने का काम शौर्या दल ने किया। ग्राम शहपुरा के अति-कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती करवाया। बालाघाट जिले के ग्राम पिंडकेपार में हुए पंचायत चुनाव में शौर्या दल ने उम्मीदवारों को गाँव में शराब और पैसे नहीं बाँटने दिये। ग्राम मोहगाँव में बंद उप-स्वास्थ्य केन्द्र शौर्या दल के सदस्यों के प्रयासों से अब फिर से शुरू हो गया है। ग्राम मचगाँव को नशा-मुक्त बनाया गया। देवास जिले में शौर्या दल के सदस्यों के प्रयासों से 1000 शौचालय का निर्माण हुआ है। सोनकच्छ और दिग्गीराजा नगर में 13 बाल-विवाह रोकने में भी दल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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