भोपाल, मई 2015/ प्रदेश के श्रमिक शासन की कल्याणकारी योजनाओं से न केवल भलीभाँति वाक़िफ हों, बल्कि उनका भरपूर लाभ भी उठा सकें, इसके लिये सभी जिले में श्रम सम्मेलन आयोजित करें। श्रम मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने यह निर्देश श्रम विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए दिये। श्री आर्य ने कहा कि प्रथम चरण में ऐसे दस जिले चिन्हित करें, जहाँ श्रमिक संख्या सर्वाधिक है। इन जिलों में वृहद स्तर पर श्रम सम्मेलन करें। सम्मेलनों में श्रम मंत्री, प्रमुख सचिव, श्रमायुक्त और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। शेष जिलों में श्रमिक संख्या के आधार पर सम्मेलन की प्राथमिकता तय की जायेगी। बैठक में प्रमुख सचिव श्रम मुक्तेश वार्ष्णेय और श्रमायुक्त के.सी. गुप्ता भी उपस्थित थे।
श्रम मंत्री ने भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल की 3 योजना-पेंशन सहायता योजना, मुख्यमंत्री शहरी निर्माण श्रमिक आवास योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण निर्माण श्रमिक आवास योजना की पात्रता के लिये न्यूनतम पंजीकरण अवधि 4 वर्ष करने के भी निर्देश दिये। अभी इन योजनाओं का लाभ लेने के लिये न्यूनतम 6 वर्ष से पंजीबद्ध हिताधिकारी होना तथा पंजीयन में उसके द्वारा किये गये निर्माण कार्य का इन्द्राज होना आवश्यक है। श्री आर्य ने विभाग की कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और पंचायत-स्तर पर पेम्फलेट्स छपवाकर बँटवाने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल को वर्ष 2014-15 में उपकर से 303 करोड़ की आय हुई है, जो गत वर्ष की तुलना में 39 करोड़ अधिक है। श्री आर्य ने विभागीय अधिकारियों को श्रमिकों को न्यूनतम वेतन मिले यह सुनिश्चित करने को कहा। श्री आर्य ने कहा जहाँ कहीं न्यूनतम वेतन न देने की जानकारी आये, संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। श्रम मंत्री ने श्रमोदय विद्यालय निर्माण कार्य, बाल श्रमिक पुनर्वास, श्रमिकों को ग्रेच्युटी भुगतान, कम्प्यूटरीकरण, बाल श्रम परियोजना, श्रमिक सुरक्षा, श्रम कानूनों की भी समीक्षा की।