भोपाल, अप्रैल 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि परहित से बढ़ा कोई धर्म नहीं होता। दूसरों की भलाई के लिये काम करें तो भगवान स्वयं मिल जायेंगे। परमात्मा से मिलने के तीन मार्ग हैं – ज्ञान, भक्ति और कर्म। ज्ञान से स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी सत्मार्ग की सीख, भक्ति से समर्पण भाव और कर्म के जरिये परमात्मा से मिलन का मार्ग आसान होता है।

श्री चौहान सागर जिले के बामोरा में गृहस्थ संत पं. देवप्रभाकर शास्त्री ‘दद्दाजी’ के सान्निध्य में सवा पाँच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण के धार्मिक अनुष्ठान में बोल रहे थे। श्री चौहान ने धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पार्थिव शिवलिंग का पवित्र नदियों के जल और पंचामृत से रूद्राभिषेक कर दद्दाजी से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री चौहान ने इस अवसर पर परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के पिता दीवान अमोल सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नेपाल में भूकम्प त्रासदी के लिये अभी 5 करोड़ की राशि उपलब्ध करवायी है। उन्होंने जन-सामान्य से अपील की कि भूकम्प त्रासदी से प्रभावित लोगों की मदद में आगे आयें और सहायता राशि देने का काम करें। प्राप्त राशि को प्रधानमंत्री के माध्यम से नेपाल में प्रभावितों की मदद के लिये भेजा जायेगा। मुख्यमंत्री को सागर नगर निगम की ओर से भी 6 लाख 57 हजार की सहायता राशि का चेक दिया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here