भोपाल, अप्रैल 2015/ प्रदेश में 25 मार्च से प्रारंभ समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी का कार्य तेज गति से चल रहा है। अब तक 2,965 उपार्जन केन्द्र पर 5 लाख 49 हजार 185 किसान से 42 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। खरीदे गये गेहूँ के बदले किसानों को 4,429 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। गुणवत्ता संबंधी छूट मिलने के बाद प्रदेश के उपार्जन केन्द्रों पर औसत रूप से प्रतिदिन डेढ़ लाख मीट्रिक टन की खरीदी की जा रही है। इस वर्ष किसानों से 1450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूँ की खरीदी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार भोपाल संभाग में 11 लाख 62 हजार, नर्मदापुरम् में 6 लाख 19 हजार 840, उज्जैन में 6 लाख 18 हजार 175, इंदौर में 5 लाख 30 हजार 141, सागर में 3 लाख 86 हजार 540, जबलपुर में 4 लाख 10 हजार 559, ग्वालियर में 2 लाख 64 हजार 240, चम्बल में 1 लाख 27 हजार 339, रीवा में 52 हजार 254, शहडोल में 2 हजार 493 टन की खरीदी हुई है।
खरीदे गये गेहूँ में से अब तक 36 लाख 33 हजार लाख मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन कर सुरक्षित भण्डारण किया जा चुका है। इस वर्ष प्रदेश में 18 लाख 68 हजार किसान ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने के लिये अपना पंजीयन करवाया था। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी के लिये मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है। किसानों को उनकी उपज का भुगतान समय पर हो सके, इसके लिये पहली बार सहकारी समितियों के खाते में किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि हस्तांतरित की गई है।
प्रमुख सचिव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति अशोक वर्णवाल ने गेहूँ उपार्जन के संबंध में कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं। निर्देश में कहा गया है कि समर्थन मूल्य पर केन्द्र सरकार से छूट प्राप्त निर्धारित गुणवत्ता का ही गेहूँ खरीदा जाये। उपार्जन केन्द्र पर गेहूँ में मिट्टी हो तो उसे छानने के बाद ही लिया जाये। खरीदे गये गेहूँ के सुरक्षित परिवहन एवं भण्डारण के संबंध में भी प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये हैं।