भोपाल, अप्रैल 2015/  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की अगले साल से मदिरा की दुकानों और बियर बार बंद होने का समय कम कर दिया जायेगा। समाज के सहयोग से नशे के खिलाफ सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी। मदिरा की नई दुकान या डिस्टीलरी खोलने की अनुमति नहीं दी जायेगी।

श्री चौहान यहाँ प्रशासन अकादमी में एक समाचार पत्र समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जनता के सवालों के जवाब दे रहे थे। एक सवाल के जबाव में मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल को और अधिक सुदृढ़ बनाने की तैयारी चल रही है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सम्भावना ही समाप्त हो जाये।

मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों पर जनता के सवालों के सीधे जबाव दिये। व्यावसायिक परीक्षा मंडल की परीक्षाओं में हुई गड़बडियों के संबंध में जबाव देते हुये उन्होंने कहा कि इन परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिये अनेक कदम उठाये जा रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुये मूल्यांकन संबंधी कार्य में पादर्शिता, गोपनीयता बरती जायेगी और साइबर सुरक्षा की व्यवस्था की जायेगी। परीक्षा परिणाम के लिये एकल सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जायेगा। परीक्षाओं को ऑनलाइन किया जायेगा। इसके अलावा पूरे परीक्षा तंत्र में व्यापक तकनीकी सुधार और परिवर्तन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने व्यापमं प्रकरण के संबंध में चल रही न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जताया और संतोष व्यक्त किया है इसलिये सीबीआई जाँच का सवाल नहीं उठता।

एक सवाल के जबाव में मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैद्य कॉलोनियों को वैद्य करने की प्रक्रिया जारी है और इसमें लगने वाले शुल्क को कम करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2400 वर्ग फिट पर आवास बनाने की अनुमति देने के लिये वास्तुविद को अधिकृत करने के संबंध में भी जल्दी ही आदेश जारी किये जायेंगे।

शिक्षा के गुणवत्ता के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश से कर्मी कल्चर समाप्त कर दिया गया है। शिक्षकों का सम्मान रखते हुये उनकी सेवाओं में सुधार किया गया है और वेतन बढ़ाया गया है। पाठ्यक्रम में गुणवत्ता लाई गई है और शिक्षकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। माध्यमिक और हाई स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई गयी है। अच्छे नम्बर लाने पर विद्यार्थियों को लेपटॉप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब प्रयासों के बावजूद बहुत कुछ किया जाना है।

पेयजल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिये विशेष पेयजल योजना बनाई गयी है। यह एक बड़ा काम है। इस पर 2000 करोड़ रूपये खर्च होंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सम्पत्तियों के संबंध में हर प्रकार का ब्यौरा सम्पत्ति खरीदने वाले के लिये उपलब्ध रहेगा। विवादित सम्पत्तियों के संबध में तथ्यात्मक जानकारी के लिये अतिक्रमण विरोधी दस्ते को सक्रिय किया जायेगा।

जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने बताया ‍िक 47 लाख जाति प्रमाण-पत्र जारी हो चुके हैं जो हमेशा उपयोगी रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पहली क्लास में जाति प्रमाण-पत्र देने की जिम्मेदारी स्कूलों को दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को दोबारा शुरू करने के संबंध में सवाल पर कहा कि भारत सरकार की सहमति और अनुमति से ही इसे बंद किया गया था। शहरों और गाँवों में लोक परिवहन की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। ग्रामीण परिवहन नीति के अंतर्गत परिवहन को आसान बनाया गया है।

बिजली कंपनी द्वारा कनेक्शन काट देने की शिकायत के संबंध में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने किसानों पर किसी प्रकार का भार नहीं आने दिया। बिजली के बिलों का भुगतान किये बिना बिजली का उपयोग करना बिजली कंपनियों और राज्य की आर्थिक स्थिति के लिये ठीक नहीं है। राज्य में भरपूर बिजली है। करीब डेढ़ लाख ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। जो लोग ईमानदारी से बिजली का बिल भर रहे हैं उनके हितों का ध्यान रखा जायेगा।

महिलाओं के सशक्तिकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि महिलाओं को सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक रूप से अधिकार सम्पन्न बनाया गया है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर अपराधी को सजा दिलाने में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है।

अवैध शिक्षण संस्थाओं के संचालन के संबध में श्री चौहान ने कहा कि अब तक 32 संस्था का संचालन बंद करवाया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं में प्रवेश से पहले विद्यार्थियों को भी जागरूक होना पड़ेगा।

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